India News (इंडिया न्यूज), Doctors Strike: कोलकाता मेडिकल कॉलेज की घटना के बाद हड़ताल पर गए फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) ने स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद हड़ताल वापस लेने का ऐलान किया है। FORDA के हड़ताल वापस लेने के ऐलान के बावजूद देश के कई राज्यों में ओपीडी सुविधाएं बंद रहेंगी। दरअसल, डॉक्टरों के एक ही समूह ने हड़ताल वापस लेने का ऐलान किया है। डॉक्टरों के कई अन्य संगठनों ने हड़ताल वापस लेने से इनकार कर दिया है। स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अविरल माथुर ने कहा कि उन्हें उनकी मांगों को लेकर आश्वासन दिया गया है, इसलिए FORDA हड़ताल वापस ले रहा है। हालांकि, FORDA ने बिना किसी लिखित आश्वासन के हड़ताल वापस ले ली, जिसके चलते डॉक्टरों के बीच हड़ताल वापस लेने पर सहमति नहीं बन पाई।

हड़ताल अभी भी रहेगा जारी

बता दें कि, FORDA के हड़ताल वापस लेने से दिल्ली में RML,LHMC,MAMC और दिल्ली सरकार के अस्पतालों में हड़ताल खत्म हो गया है। वहीं दिल्ली के एम्स और सफदरजंग दोनों ही अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर रहेंगे। जिन अस्पतालों में अभी भी हड़ताल जारी रहेगा।

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उनमें FAIMA, एम्स दिल्ली, एम्स पटना, एम्स भुवनेश्वर, निम्हांस, पीजीआई चंडीगढ़, जिपमर, एसजीपीजीआई, वीएमएमसी, एम्स कल्याणी, आईएमएस बीएचयू, एम्स मंगलगिरी, एम्स ऋषिकेश, ईएसआईसी जोका, केजीएमयू, लखनऊ, आंध्र प्रदेश जूडा, तेलंगाना जूडा शामिल है। दरअसल, जेपी नड्डा के साथ आईएमए पदाधिकारियों की बैठक के बाद राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग की ओर से सभी मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों के लिए परामर्श जारी किया गया है।

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सुरक्षा पर लिया गया फैसला

मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों के लिए जारी परामर्श में कॉलेज और अस्पताल परिसरों में फैकल्टी, छात्र और रेजिडेंट डॉक्टरों समेत सभी कर्मचारियों के लिए सुरक्षित माहौल के लिए नीति बनाने का आग्रह किया गया है। यह परामर्श कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ कथित बलात्कार और हत्या के विरोध में देशभर के कई अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने के मद्देनजर जारी किया गया है। साथ ही परामर्श में कहा गया है कि हाल के दिनों में मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं। एनएमसी ने परामर्श में कहा कि सभी मेडिकल कॉलेजों से अनुरोध है कि वे कॉलेज और अस्पताल परिसर में फैकल्टी, मेडिकल छात्रों और रेजिडेंट डॉक्टरों सहित सभी कर्मचारियों के लिए सुरक्षित माहौल के लिए नीति तैयार करें।

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