India News(इंडिया न्यूज),Doda encounter: जम्मू-कश्मीर के डोडा में सेना और सेना के बीच भीषण युद्ध में शहीद हुए कैप्टन बृजेश थापा के माता-पिता की बातें आंखों में आंसू और दिल में जलन पैदा कर देती हैं। कैप्टन थापा के पिता खुद रिटायर्ड कर्नल हैं लेकिन उन्हें अपने बेटे की मौत की खबर पर यकीन नहीं हो रहा है। उनकी मां ने कहा कि उन्हें हमेशा दुख रहेगा। कैप्टन थापा ने कहा था कि वह हमेशा से सेना में जाना चाहते थे। चाचा योगेश थापा ने बताया कि कैप्टन बृजेश थापा का पार्थिव शरीर बुधवार को सौंपा जाएगा।
कैप्टन थापा की मां नीलिमा थापा का कहना है कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है जो देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर देगा।कैप्टन थापा की मां ने कहा कि ‘मेरा बेटा हमेशा के लिए हमे छोड़ के चला गया। वह हमारे पास अब कभी वापस नहीं आएगा। उन्होने आगे कहा कि हमें रात 11 बजे खबर मिली। वह बहुत अच्छा लड़का था, वह हमेशा से सेना में जाना चाहता था। हमने उससे कहा था कि सेना में जीवन कठिन है। मुझे बहुत गर्व है कि मेरे बेटे ने देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। अब वह हमसे बहुत दूर है। उन्होने कहा कि सरकार ऐसे नहीं बैठेगी । कार्रवाई करेगी सरकार ने कार्रवाई भी शुरू कर दी है।’
कैप्टन थापा के पिता कर्नल भुवनेश थापा (सेवानिवृत्त) ने अपने बेटे को याद करते हुए कहा कि उन्हें गर्व है कि उनके बेटे ने देश और देश की सुरक्षा के लिए कुछ किया है। मीडिया से बात करते हुए कर्नल भुवनेश थापा (सेवानिवृत्त) ने कहा कि सरकार वकीलों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है।
उन्होने कहा कि जब मुझे बताया गया कि वह अब नहीं रहा तो मुझे यकीन ही नहीं हुआ। वह बचपन से ही भारतीय सेना में शामिल होना चाहता था। वह (कैप्टन थापा) मेरी ही सेना की वर्दी पहनता था। वह इसमे सफल भी हुआ इंजीनियरिंग करने के बाद भी वह सेना में शामिल होना चाहता था।
उन्होने आगे कहा कि उसने एक बार में ही परीक्षा पास कर ली और सेना में भर्ती हो गया। मुझे गर्व है कि मेरे बेटे ने देश के लिए और देश की सुरक्षा के लिए कुछ किया। मैं उससे पूरी तरह मिल तो नहीं पाऊँगा, लेकिन मुझे खुशी है कि उसने अपने देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी।
कैप्टन थापा के चाचा योगेश थापा भी अपने भतीजे को याद करते हैं। उन्होंने कहा कि यह कहना आसान है कि उन्होंने अपनी जान कुर्बान कर दी, लेकिन “परिवार की क्षति की भरपाई कभी नहीं की जा सकती।”
उन्होंने सरकार से आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने का भी आग्रह किया, क्योंकि हाल ही में कई सैनिक मारे गए हैं।
योगेश थापा ने कहा कि परिवार कैप्टन के शव का इंतजार कर रहा है और उम्मीद है कि बुधवार तक शव सौंप दिया जाएगा।
उन्होंने कहा “वह कल रात डोडा में लड़ाई के दौरान शहीद हो गए। हम उनके पार्थिव शरीर के आने का इंतजार कर रहे हैं, जिसके बाद हम दार्जिलिंग जाएंगे। उनके माता-पिता दार्जिलिंग में रहते हैं… वह 5 साल पहले सेवा में शामिल हुए थे… उनका जन्म और पालन-पोषण सेना के इलाकों में हुआ। उनके पिता सेना में कर्नल हैं… हमें उम्मीद है कि कल तक उनका पार्थिव शरीर सौंप दिया जाएगा… यह कहना आसान है कि उन्होंने देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी, लेकिन एक परिवार के तौर पर हमने जो नुकसान उठाया है, उसकी भरपाई कभी नहीं की जा सकती… हमें नहीं पता कि सरकार आतंकवादियों के खिलाफ कब कार्रवाई करेगी। हमारे सैनिक हर दिन मारे जा रहे हैं…” ।
जम्मू-कश्मीर के डोडा में कल शाम हुई मुठभेड़ में कैप्टन थापा के अलावा नायक डी राजेश और सिपाही बिजेन्द्र और अजय भी शहीद हो गए।
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