India News (इंडिया न्यूज़), Dog Breeds Banned: देश भर में कुत्तों के आक्रामक हमलों के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र ने बुधवार को बड़ा फैसला लिया। ये हमले खास कर बच्चों और बुजुर्गों पर हो रहे थे जिनमें से कई की मौत भी हुई है। ऐसे मामलों पर रोकथाम के लिए केंद्र ने बुधवार को 23 “खूंखार कुत्तों” के आयात, बिक्री और प्रजनन पर प्रतिबंध लगा दिया। “मानव जीवन के लिए खतरा” मानते हैं कुत्तों की इन नस्लों में रॉटवेइलर, पिटबुल, टेरियर, वुल्फ कुत्ते, रूसी शेफर्ड और मास्टिफ शामिल हैं, जो मानव जीवन के लिए खतरनाक माने जाते हैं। प्रतिबंध में इन क्रूर नस्लों की मिश्रित और संकर नस्लें भी शामिल हैं।
यह कदम दिल्ली उच्च न्यायालय के एक आदेश के जवाब में विशेषज्ञों और पशु कल्याण निकायों के संयुक्त पैनल की एक रिपोर्ट के बाद उठाया गया। अदालत ने केंद्र सरकार को तीन महीने के भीतर सभी हितधारकों से परामर्श करने के बाद मामले पर निर्णय लेने का निर्देश दिया था। पशुपालन और डेयरी विभाग ने प्रतिबंध लगाना सुनिश्चित करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को एक पत्र भी भेजा है। पत्र के अनुसार, पशुपालन आयुक्त की अध्यक्षता में गठित विशेषज्ञ समिति द्वारा भी ऐसी नस्ल के कुत्तों के आयात पर रोक लगाने की सिफारिश की गयी है।
ये कुत्तें नहीं खरीद पाएंगे अब
प्रतिबंधित कुत्तों की नस्लों की सूची में शामिल हैं;
- पिटबुल टेरियर,
- टोसा इनु,
- अमेरिकन स्टैफोर्डशायर टेरियर,
- फिला ब्रासीलीरो,
- डोगो अर्जेंटीनो,
- अमेरिकन बुलडॉग,
- बोअरबोएल,
- कांगल,
- मध्य एशियाई शेफर्ड कुत्ता,
- कोकेशियान शेफर्ड कुत्ता,
- दक्षिण रूसी शेफर्ड,
- टॉर्नजैक,
- सरप्लानिनैक,
- जापानी टोसा और अकिता,
- मास्टिफ़्स,
- रॉटवीलर,
- टेरियर्स,
- रोड्सियन रिजबैक,
- वुल्फ कुत्ते,
- कैनारियो,
- अकबाश कुत्ता,
- मॉस्को गार्ड कुत्ता,
- केन कोरसो, और उस प्रकार का हर कुत्ता जिसे आमतौर पर ‘बैन डॉग’ के रूप में जाना जाता है।
पत्र में विशेषज्ञ पैनल की सिफारिशों का हवाला देते हुए कहा गया है, “…क्रॉसब्रीड सहित कुत्तों की उपरोक्त नस्लों को आयात, प्रजनन, पालतू कुत्तों के रूप में बेचने और अन्य उद्देश्यों के लिए प्रतिबंधित किया जाएगा।”
पेटा ने दायर की थी याचिका
केंद्र सरकार ने डॉग ब्रीडिंग एंड मार्केटिंग रूल्स 2017 और पेट शॉप रूल्स 2018 को लागू करने का भी आह्वान किया है। इससे पहले, पशु अधिकार संस्था पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पेटा) इंडिया ने सरकार से कुत्तों की कमजोर नस्लों की रक्षा करने का अनुरोध किया था, जिनका आमतौर पर अवैध डॉगफाइटिंग के लिए समाज के आपराधिक तत्वों द्वारा शोषण किया जाता है, साथ ही मनुष्यों की सुरक्षा के लिए भी। पेटा ने दिल्ली उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका भी दायर की।
पेटा ने अपनी याचिका में लिखा: “यह आदेश मनुष्यों और कुत्तों दोनों के लिए महत्वपूर्ण सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण है और एक मजबूत, स्पष्ट संदेश भेजता है कि पिट बुल और अन्य ऐसी नस्लों को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने के लिए पाला जाता है। पिट बुल और संबंधित नस्लें भारत में सबसे अधिक छोड़े जाने वाले कुत्ते हैं, और इस कार्रवाई से काफी हद तक पीड़ा को रोका जा सकता है।”
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