India News (इंडिया न्यूज़), Dr Manmohan Singh, दिल्ली: भारत 9 सितंबर से शुरू होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए पूरी तरह तैयार है। कांग्रेस पार्टी की तरफ से मोदी सरकार के रूस-यूक्रेन नीति को समर्थन दिया गया है। राहुल गांधी इस समय यूरोप के देश बेल्जियम के दौरे पर है। राहुल गांधी की तरफ से कहा कि हम रूस-यूक्रेन यूद्ध पर भारत सरकार की नीति का लगभग समर्थन करते है।
- चीन पर सलाह देने से इनकार
- राहुल गांधी ने भी किया समर्थन
- जी-20 सुरक्षा पर चर्चा का मंच नहीं
वही पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने रूस-यूक्रेन संकट से निपटने के संबंध में वर्तमान मोदी सरकार के पक्ष में बात की। अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के साथ एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि भारत ने शांति की अपील करते हुए अपने संप्रभु और आर्थिक हितों को पहले रखकर सही काम किया है।
जी-20 सुरक्षा मतभेदों को दूर रखें
उन्होंने कहा, “जब दो या दो से अधिक शक्तियां संघर्ष में फंस जाती हैं तो अन्य देशों पर पक्ष चुनने का भारी दबाव होता है। मेरा मानना है कि भारत ने शांति की अपील करते हुए अपने संप्रभु और आर्थिक हितों को पहले रखकर सही काम किया है। जी20 के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह सुरक्षा मतभेदों को दूर रखे और जलवायु, असमानता और वैश्विक व्यापार में विश्वास की चुनौतियों से निपटने के लिए नीति समन्वय पर अपना ध्यान केंद्रित रखे।”
चिंतित होने की जगह आशावादी
मनमोहन सिंह ने आगे कहा कि वह भारत के भविष्य के बारे में चिंतित होने की तुलना में अधिक आशावादी हैं लेकिन उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि आशावाद भारत के सामंजस्यपूर्ण होने पर निर्भर है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होने के संबंध में पूर्व पीएम ने इसे ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया, लेकिन भारत-चीन तनाव से निपटने के लिए केंद्र को कोई सुझाव देने से परहेज किया।
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