इंडिया न्यूज, New Delhi News। presidential election result : एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति चुनाव जीत गई हैं। तीसरे राउंड की गिनती में उन्हें 50 प्रतिशत वोट मिल गए थे। इस चुनाव में यशवंत सिन्हा काफी बड़े अंतर से हार गए हैं। अभी एक राउंड वोटों की गिनती बची है, जो केवल औपचारिकता मात्र है।

कुल तीनों राउंड की बात करें तो कुल वोट 3219 थे। इनकी वैल्यू 8,38,839 थी। इसमें से द्रौपदी मुर्मू को 2161 वोट (वैल्यू 5,77,777) मिले। वहीं यशवंत सिन्हा को 1058 वोट (वैल्यू 2,61,062) मिले।

द्रोपदी मुर्मू 64 साल की उम्र में राष्ट्रपति पद पर पहुंचने वाली देश की सबसे कम उम्र की शख्सियत बन गई हैं। यही नहीं वे राष्ट्रपति का चुनाव जीतने पर देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति भी बन गई हैं। इसके अलावा देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति बनने का खिताब भी उनके नाम हो गया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने दी द्रौपदी मुर्मू को बधाई

बता दें कि द्रौपदी मुर्मू की जीत के बाद अब उनको बधाई देने के लिए पीएम मोदी खुद उनके घर जा रहे हैं। द्रौपदी मुर्मू के घर पर पहले से ही जश्न का माहौल है। वहां स्टेज तैयार है, रेड कार्पेट भी बिछाया गया है।

यशवंत सिन्हा ने दी द्रौपदी मुर्मू को बधाई

यशवंत सिन्हा ने द्रौपदी मुर्मू को जीतने पर बधाई दे दी है। उन्होंने लिखा कि मैं जीत के लिए द्रौपदी मुर्मू को बधाई देता हूं। भारत को उम्मीद है कि वह बिना किसी भय या पक्षपात के संविधान के संरक्षक के रूप में काम करेंगी।

झारखंड की राज्यपाल भी रह चुकी हैं द्रोपदी

बता दें कि इनसे पहले प्रथम महिला राष्ट्रपति बनने का खिताब पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा सिंह पाटिल के नाम दर्ज हैं जो 2007 में 73 साल की उम्र में राष्ट्रपति बनी थीं। वहीं आपको बता दें कि राष्ट्रपति बनने से पहले द्रोपदी मुर्मू 2015 से 2021 तक झारखंड की राज्यपाल भी रह चुकी हैं।

राजनीति मे आने से पहले शिक्षक के तौर पर किया काम

वहीं राजनीति में आने से पहले मुर्मू ने एक शिक्षक के तौर पर अपने करियर की शुरूआत की थी। उन्होंने 1979 से 1983 तक सिंचाई और बिजली विभाग में जूनियर असिस्टेंट के रूप में भी कार्य किया। इसके बाद 1994 से 1997 तक उन्होंने आनरेरी असिस्टेंट टीचर के रूप में कार्य किया था।

1997 में पहली बार लड़ा चुनाव बनी पार्षद

द्रोपदी मुर्मू ने 1997 में पहली बार चुनाव लड़ा और ओडिशा के राइरांगपुर जिले में पार्षद चुनी गईं। इसके बाद वह जिला परिषद की उपाध्यक्ष भी चुनी गईं। वर्ष 2000 में विधानसभा चुनाव लड़ीं। राइरांगपुर विधानसभा से विधायक चुने जाने के बाद उन्हें बीजद और भाजपा गठबंधन वाली सरकार में स्वतंत्र प्रभार का राज्यमंत्री बनाया गया।

इन पदों पर भी रह चुकी हैं मुर्मू

द्रोपदी मुर्मू को 2015 में झारखंड का राज्यपाल बनाया गया। जिन्होंने 2021 तक अपनी सेवाएं दी। 2002 में मुर्मू को ओडिशा सरकार में मत्स्य एवं पशुपालन विभाग का राज्यमंत्री बनाया गया। 2006 में उन्हें भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। 2009 में वह राइरांगपुर विधानसभा से दूसरी बार भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतीं। इसके बाद 2009 में वह लोकसभा चुनाव भी लड़ीं, लेकिन जीत नहीं पाईं।

सर्वश्रेष्ठ विधायक का मिला था खिताब

बता दें कि मुर्मू ने हमेशा से संघर्ष किया। उन्होंने समाज के लिए हमेशा अच्छा काम किया। मुर्मू को 2007 में ओडिशा विधानसभा द्वारा वर्ष के सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनके पास ओडिशा सरकार में परिवहन, वाणिज्य, मत्स्य पालन और पशुपालन जैसे मंत्रालयों को संभालने का अनुभव है।

राष्ट्रपति चुनाव में दो राउंड के वोटों की गिनती में सांसदों और पहले 10 स्टेट्स की वोटिंग शामिल है। दोनों को मिलाकर अब तक कुल 1886 वैलिड वोटों की गिनती पूरी हो चुकी है, इसकी कुल वैल्यू 6 लाख 73 हजार 175 है।

मुर्मू को 1349 ओर सिन्हा को अब तक 537 वोट मिले

जानकारी अनुसार एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को अब तक 1349 वोट मिले हैं, जिनकी कुल वैल्यू 4 लाख 83 हजार 299 है। वहीं विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को अब तक 537 वोट मिले हैं, जिनकी कुल वैल्यू 1 लाख 89 हजार 876 है। अभी बाकी राज्यों की गिनती जारी है।

मुर्मू को 540, सिन्हा को 208 सांसदों के वोट मिले

बता दें कि राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल पीसी मोदी के मुताबिक, दोपहर 2 बजे सांसदों के वोटो की गिनती पूरी हुई। इसमें द्रौपदी मुर्मू को 540 वोट मिलें। इनकी कुल वैल्यू 3 लाख 78 हजार है। यशवंत सिन्हा को 208 सांसदों का वोट मिला है। जिनकी वोट वैल्यू 1 लाख 45 हजार 600 है। सांसदों के कुल 15 वोट रद्द हो गए।

इससे पहले 10 राज्यों में भी मुर्मू रही आगे

वहीं पहले 10 राज्यों की गिनती में भी मुर्मू और सिन्हा के बीच आंकड़ों का लंबा अंतर दिख रहा है। इन राज्यों में कुल 1138 वैलिड वोट थें, जिनकी वैल्यू 1 लाख 49 हजार 575 है। इनमें मुर्मू को 809 वोट मिलें। इनकी वैल्यू 1 लाख 5 हजार 299 है। वहीं यशवंत सिन्हा को 329 वोट मिलें, जिनकी कुल वैल्यू 44 हजार 276 है।

इन 10 राज्यों में से 7 में भाजपा और गठबंधन की सरकारें

इन 10 राज्यों में अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और झारखंड के अलावा आंध्र प्रदेश के वोट शामिल हैं। इनमें 7 राज्यों में भाजपा और गठबंधन की सरकारें हैं। वहीं झारखंड और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और उसके सहयोगी की सरकार है। आंध्र प्रदेश में जगनमोहन रेड्डी सीएम हैं, जिन्होंने एनडीए को समर्थन देने का ऐलान किया था।

मुर्मू के गांव और ससुराल में बनाए लड्डू

आपको बता दें कि ओडिशा के रायरंगपुर में मुर्मू के गांव और ससुराल में लड्डू बनाए जा रहे हैं। क्योंकि मुर्मू के समर्थकों को पूरी उम्मीद हैं कि मुर्मू की ही जीत होगी। लोग ढोल-नगाड़ों और पारंपरिक वाद्य यंत्रों के जरिए मुर्मू की जीत के आधिकारिक ऐलान का इंतजार कर रहे हैं।

25 को होगा शपथ ग्रहण, भाजपा कार्यालय में भी तैयारी

बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई की मध्य रात्रि को खत्म हो रहा है। 25 जुलाई को नए राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण होगा। इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी काउंटिंग के बाद द्रौपदी मुर्मू से मिलने जाएंगे। उनके साथ कैबिनेट के मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी जा सकते हैं। इसके अलावा भाजपा के दिल्ली हेड आफिस में भी जश्न की तैयारी है। इसमें जेपी नड्डा भी शामिल होंगे।

मुर्मू की जीत के भाजपा निकालेगी विजय जुलूस

वहीं बताया जा रहा है कि मुर्मू की जीत की घोषणा के बाद भाजपा की ओर से दिल्ली में विजय जुलूस निकाला जाएगा। बता दे कि ऐसा पहली बार होगा, जब राष्ट्रपति की जीत के बाद जुलूस निकाला जाएगा। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा राजपथ तक इस जुलूस की अगुआई करेंगे। वहीं भाषण देंगे। पहली बार आदिवासी महिला के राष्ट्रपति चुने जाने का श्रेय पीएम मोदी को देंगे। लेकिन इस जुलूस में मुर्मू शामिल नहीं हो पाएंगी।

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