India News (इंडिया न्यूज), Durga-2 Laser Weapon: भारत में केंद्र की मोदी सरकार लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्च में हथियारों के मामलों में देश को आत्मनिर्भर बनाने पर काम कर रही है। इस बीच जो खबर आई है, उससे चीन, बांग्लादेश और पाकिस्तान की नींद उड़ सकती है। दरअसल पूरा मामला ये है कि, भारतीय रक्षा अनुसंधान संगठन (डीआरडीओ) बहुत जल्द भारत में बने लेजर हथियार दुर्गा-2 का परीक्षण करने जा रहा है। दुर्गा का पूरा नाम डायरेक्शनली अनरिस्ट्रिक्टेड रे-गन ऐरे है। यह एक डायरेक्टेड एनर्जी वेपन (डीईडब्ल्यू) है।
भविष्य का हथियार है लेजर
हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, लेजर भविष्य के हथियार हैं। कई देशों के पास लेजर हथियार हैं। फिलहाल दुनिया में दो एंटी-एयरक्राफ्ट या एंटी-मिसाइल लेजर हथियार हैं, वे फुलप्रूफ नहीं हैं। उनकी मारक क्षमता 100 फीसदी नहीं है। डीआरडीओ ने लेजर हथियार बनाने भी शुरू कर दिए हैं। चीन या पाकिस्तान की बैलिस्टिक मिसाइलें भारत की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हैं। भारत ने रूस से पांच एस-400 एंटी-मिसाइल सिस्टम खरीदे हैं। इन्हें सुदर्शन नाम दिया गया है। यह सिस्टम भारतीय सीमा में गिरने वाली मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर देगा। लेकिन यह एयर डिफेंस सिस्टम भी इस बात की गारंटी नहीं देता कि यह हर मिसाइल को मार गिराएगा।
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भारत कर रहा लेजर प्रणाली विकसित
लेजर हथियार दुश्मन के जहाज, रडार, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम, जेट, मिसाइल को भी मार गिरा सकते हैं। 2021 में, अमेरिकी रक्षा मीडिया ने बताया कि नई दिल्ली में लेजर विज्ञान और प्रौद्योगिकी केंद्र (LSTC) एक नई पीढ़ी की लेजर प्रणाली विकसित कर रहा है। नई तकनीक में सॉलिड स्टेट, फाइबर और केमिकल लेजर का इस्तेमाल किया जा रहा है। बताया जाता है कि लेजर वेपन दुर्गा-2 प्रोजेक्ट को बेहद गोपनीय रखा गया था। बताया गया था कि इस हथियार को जमीन, समुद्र और हवाई प्लेटफॉर्म पर तैनात किया जाएगा।
पहले भी किया जा चुका है इसका परीक्षण
हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, नई दिल्ली में स्थित लेजर विज्ञान और प्रौद्योगिकी केंद्र ने इस हथियार के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि, उसने 25 किलोवाट का लेजर हथियार बनाने में सफलता हासिल की है। बता दें कि, इस लेजर हथियार से बैलिस्टिक मिसाइलों को निशाना बना सकता है। अगर हम इसके रेंज की बात करें तो ये केवल 5 किलोमीटर है। इस हथियार के बारे में लेजर विशेषज्ञों का कहना है कि, पहले इसकी रेंज बढ़ानी होगी। बता दें कि, डीआरडीओ ने 2017 में एक ट्रक पर 1 किलोवाट का लेजर सिस्टम लगाया था। चित्रदुर्ग में इसका परीक्षण किया गया था। इसका लेजर 250 मीटर तक गया। इस हथियार में ये दिक्कत थी कि लेजर सिस्टम को इतनी शक्ति कैसे दी जाए कि इसकी रेंज बढ़ जाए।