India News (इंडिया न्यूज), संत राजिन्दर सिंह जी महाराज, नई दिल्ली: पात्र बनना एक खाली प्याला होने की भांति है। यह जीवन जीने की एक कला है। पात्रता का अर्थ है जो प्रभु हमें दे उसे पाने के लिए हम हमेशा तैयार रहें। यह प्रार्थना की सर्वोत्तम अवस्था है, जिसमें हम किसी वस्तु की मांग नहीं करते बल्कि केवल प्रेम और भक्ति-भाव से जो कुछ प्रभु हमें देना चाहते हैं उसे खुशी-खुशी स्वीकार करते हैं क्योंकि हम जानते हैं जो कुछ हमारे लिए बेहतर होगा परमात्मा हमें वही देंगे।

हम ऐसी प्रार्थना तभी कर सकते हैं जब प्रभु में हमारी श्रद्धा और विश्वास दृढ़ हो। प्रभु के प्रति श्रद्धा और विश्वास का पनपना बहुत ज़रूरी है, यह अनुभव से ही प्राप्त होता है। ज्यादातर हम प्रभु के आशीर्वाद को उसी रूप में पाना चाहते हैं, जिससे हमारी इच्छाएं पूरी होती हों। जब प्रभु का आशीश हमें उस रूप में प्राप्त नहीं होता तो हम इस बात को स्वीकार नहीं करते। कभी-कभी हम ऐसी चीज़ मांग लेते हैं जो हमारे लिए भली नहीं होती या इतनी अच्छी नहीं होती जो प्रभु हमें देना चाहते हैं।

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जब हम प्रार्थना किसी वस्तु को पाने के लिए करते हैं, तब हो सकता है कि हमारी प्रार्थना तुरंत स्वीकार हो जाए या फिर अगली बार बिल्कुल स्वीकार न हो। इससे हमारे उदास हो जाने का खतरा बना रहता है। हम प्रभु में आस्था खो देते हैं लेकिन जब हम ऐसी वस्तुओं के लिए प्रार्थना नहीं करते जो प्रभु हमें देना नहीं चाहते, फिर हमारे निराश होने का प्रश्न ही नहीं उठता।

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पात्र बनकर प्रार्थना कर पाने के लिए आध्यात्मिक विकास होना बहुत ज़रूरी है। हमें आध्यात्मिक विकास पाने के लिए किसी अनुभवी महापुरुष के पास जाना होगा। उनके संपर्क में रहते हुए, उनकी दी हुई शिक्षाओं के अनुसार चलकर एवं आत्मिक अनुभव पाकर हमारा श्रद्धा और विश्वास और भी दृढ़ हो जाता है। तब हमें यह भरोसा हो जाता है कि प्रभु हमारे मित्र, शुभचिंतक व रक्षा करने वाले हैं और तब हम स्वयं को प्रभु के हवाले छोड़ देते हैं। ”तेरा भाणा मीठा लागे।“ पात्रता की सर्वोच्च अवस्था है जिसमें हमारा मन शांत होता है और हमारा अहंकार खत्म हो जाता है।

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प्रभु द्वारा दी गई देनों का अधिकतम लाभ उठाने के लिए हमें खाली प्याले की तरह विनम्रता अपनानी चाहिये। यदि हम धैर्य और इंतजार करेंगे, तब हम उनसे और भी अधिक प्राप्त करेंगे जितनी कि हमारी कल्पना भी न थी। यदि हम धैर्यवान और शांत होंगे तो हम जान जाएंगे कि प्रभु को पता है कि हमारे लिए सर्वोत्तम क्या है।

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