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Exclusive: इंदिरा गांधी के आपातकालीन निर्णय में इस सलाहकार ने निभाई थी महत्वपूर्ण भूमिका, जानें 1971 की 60 लाख रुपये की लूट की पूरी कहानी

India News (इंडिया न्यूज), Indira Gandhi’s Emergency Decision: हिस्टोरिकली स्पीकिंग के एक खास बातचीत में रशीद किदवई ने अपनी किताब ‘द स्कैम दैट शुक अ नेशन: द नागरवाला स्कैंडल’ पर विस्तार से चर्चा की। खास बातचीत में किदवई ने हिस्टोरिकली स्पीकिंग की होस्ट डॉ. ऐश्वर्या पंडित शर्मा से 1971 में हुई 60 लाख रुपये की […]

BY: Divyanshi Singh • UPDATED :
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India News (इंडिया न्यूज), Indira Gandhi’s Emergency Decision: हिस्टोरिकली स्पीकिंग के एक खास बातचीत में रशीद किदवई ने अपनी किताब ‘द स्कैम दैट शुक अ नेशन: द नागरवाला स्कैंडल’ पर विस्तार से चर्चा की। खास बातचीत में किदवई ने हिस्टोरिकली स्पीकिंग की होस्ट डॉ. ऐश्वर्या पंडित शर्मा से 1971 में हुई 60 लाख रुपये की डकैती की पेचीदगियों, भ्रामक फोन कॉल से लेकर गहरी साजिशों और देश पर इसके प्रभाव के बारे में बात की।

नागरवाला स्कैंडल पर चर्चा

इस चर्चा में इंदिरा गांधी की ‘नागरवाला स्कैंडल’ में संलिप्तता से संबंधित कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला गया।  चर्चा के मुख्य विषयों में उनके आपातकालीन निर्णय लेने में उनके एक सलाहकार की महत्वपूर्ण भूमिका और इस घोटाले में उनकी बेगुनाही पर बहस शामिल थी।

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इसके अतिरिक्त, बातचीत में भारत के सुरक्षा परिदृश्य पर इस घोटाले के प्रभाव का पता लगाया गया, विशेष रूप से इस बात पर विचार करते हुए कि क्या इसने देश की साइबर क्रांति के लिए गति को उत्प्रेरित किया।

चर्चा इंदिरा गांधी की राजनीतिक चालों की जटिलता और राष्ट्रीय सुरक्षा उपायों पर नागरवाला घोटाले के स्थायी प्रभावों को रेखांकित करता है।

किस बारे में है पुस्तक?

24 मई, 1971 को, भारतीय स्टेट बैंक की संसद मार्ग शाखा के मुख्य कैशियर को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कूरियर के रूप में प्रस्तुत एक व्यक्ति को 60 लाख रुपये सौंपने के लिए धोखा दिया गया था। माना जाता है कि यह नकदी पूर्वी पाकिस्तान में गुप्त अभियानों के लिए थी, लेकिन पीएम कार्यालय ने ऐसे किसी भी निर्देश से इनकार किया। अपराधी, पूर्व सेना कप्तान रुस्तम सोहराब नागरवाला को तुरंत पकड़ लिया गया और पैसा बरामद कर लिया गया। दोषपूर्ण पुलिस जांच, न्यायिक त्रुटियों, रहस्यमय मौतों और इंदिरा गांधी की चुप्पी से घिरे इस घोटाले ने कई षड्यंत्र सिद्धांतों को हवा दी। “द स्कैम दैट शुक ए नेशन” इस राजनीतिक भ्रष्टाचार मामले का पहला विस्तृत विवरण है।

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