इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
देश में कोविड-19 के नए मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि इस वैश्विक महामारी से निपटने में भारत की स्थिति काफी बेहतर है, लेकिन इसके बावजूद सभी देशवासियों को एहतियात बरतनी चाहिए। एक-दूसरे के बीच सार्वजनिक दूरी बनाए रखने के साथ ही घर से बाहर जाते समय मास्क भी सभी को पहनना चाहिए।

आउटडोर के बजाए इंडोर में तेजी से फैलता है कोरोना : एक्सर्ट्स

दिल्ली यशोदा हास्पिटल के एमडी डॉक्टर पीएन अरोड़ा का कहना है कि कोरोना के बढ़ते मामलों को नियंत्रित किया जा सकता है। डॉक्टर अरोड़ा ने यह भी कहा कि कोरोना आउटडोर के बजाए इंडोर में ज्यादा तेजी से फैलता है। उन्होंने कहा, ऐसे में भारत के भीड़ वाले कार्यस्थलों में वर्क कल्चर लाने की जरूरत है। यानी दफ्तर और घर, दोनों जगह से काम करने की संस्कृति की आवश्यकता है।

नियोक्ताओं को बूस्टर डोज का इंतजाम करना चाहिए

यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि दफ्तर में कर्मचारी मास्क पहनें और नियोक्ता स्वयं कर्मियों के लिए बूस्टर डोज का इंतजाम करें। उन्होंने कहा, देश में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं कि हमें सब कुछ रोक देना चाहिए। इसके बजाय में हमें कुछ सामान्य ऐहतियात बरतने जैसे सामाजिक दूरी बनाए रखना मास्क पहनना चाहिए। डॉक्टर अरोड़ा ने कहा, बुजुर्ग व पहले से बीमार लोगों के संक्रमित होने की ज्यादा संभावना रहती है, इसलिए उन्हें सावधान रहना होगा।

कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को ज्यादा सचेत रहने की आवश्यकता

खासकर कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को ज्यादा सचेत रहने की आवश्यकता है। हमारे देश ऐसी बड़ी युवा जनसंख्या भी है जो दिल के रोग व मधुमेह से पीड़ित हैं। इस वर्ग को भी ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। दोनों वर्गों को बूस्टर डोज लगना चाहिए। डॉक्टर अरोड़ा ने कहा, टीकाकरण के अच्छे स्तर के लिए सरकार की प्रशंसा होनी चाहिए।

उन्होंने कहा, हमारी आबादी में संक्रमण का स्तर भी काफी बेहतर हैै। शायद यही वजह है कि हम देश में कहीं-कहीं छोटे स्तर पर संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी देख सकते हैं, पर कोई चिंताजनक या बहुत बड़ी लहर आती नहीं दिख रही है। लेकिन डॉक्टर अरोड़ा का कहना है कि फिर भी हमें एहतियात बरतनी चाहिए। लापरवाही नहीं करनी चाहिए।

भारत व दुनिया को नए वैरिएंट पर सावधान रहने की जरूरत

डॉक्टर अरोड़ा ने कहा कि भारत व दुनिया को नए वैरिएंट पर सावधान रहने की जरूरत है। दक्षिण अफ्रीकी वैज्ञानिकों ने ओमिक्रॉन की जल्द जानकारी दे दी थी जिससे दुनिया को लाभ मिला। देश स्थिति बिगड़ने से पहले संभल गए। उन्होंने कहा, कह पाना मुश्किल है कि ओमिक्रॉन या डेल्टा जैसा बड़ा खतरनाक वैरिएंट कब सामने आ जाए।

भारत और  अन्य देशों में चला है ओमिक्रॉन नया सब वेरिएंट बीए.2.75 का भी पता चला

भारत के साथ ही अन्य देशों में भी ओमिक्रॉन नया सब वेरिएंट बीए.2.75 का भी पता चला है। हालांकि, अभी इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, पर फिर भी इसपर नजर रखी जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस घेब्रेयसस ने बताया है कि बीए.2.75 भारत समेत कई देशों में पांव फैला रहा है और इस पर वह नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में पिछले दो सप्ताह में कोरोना महामारी के मामलों में करीब 30 फीसदी की वृद्धि हुई है। अमेरिका व यूरोप में बीए.4 और बीए.5 के चलते कोरोना लहर पैदा हुई है।

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