India News (इंडिया न्यूज), Farmer Protest 2.0: किसान नेता सरवन सिंह पंढेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल ने रविवार, 3 मार्ट को घोषणा की कि किसान 10 मार्च को दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक देशव्यापी ‘रेल रोको’ के साथ अपना आंदोलन फिर से शुरू करेंगे। किसान नेताओं ने कहा कि किसान, जो पंजाब और हरियाणा के बीच बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं, 6 मार्च को शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली की ओर मार्च करना शुरू करेंगे।

पंढेर और डल्लेवाल, ने यह बात पंजाब के बलोह गांव में कही। यह वही गांव है जहां के एक किसान का हाल ही में झड़प के दौरान मृत्यु हो गई थी। उन्होंने कहा, अपना आंदोलन तब तक करेंगे जब तक केंद्र उनकी मांगें पूरी नहीं कर लेता।

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किसान नेताओं ने क्या कहा?

पंधेर ने कहा, दूर-दराज के राज्यों के किसान, जो ट्रैक्टर ट्रॉलियों पर नहीं पहुंच सकते, उन्हें ट्रेनों और परिवहन के अन्य साधनों से दिल्ली जाना चाहिए। यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि क्या सरकार उन किसानों को प्रवेश की अनुमति देती है जो बिना ट्रैक्टर ट्रॉली के जाते हैं। शंभू और खनौरी में आंदोलन पहले की तरह जारी रहेगा और इसे और तेज किया जाएगा जब तक मांगें पूरी नहीं हो जाती।

किसान नेता ने पीटीआई से बात चीत में कहा, केंद्र यह धारणा बनाने की कोशिश कर रहा है कि मौजूदा आंदोलन पंजाब तक ही सीमित है और लड़ाई केवल दो मंचों के नेतृत्व में है। लेकिन हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि देश में 200 से अधिक संगठन दोनों मंचों का हिस्सा हैं। यह धारणा बनाई जा रही है कि चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने पर आंदोलन खत्म हो सकता है, जो सही नहीं है। हम अपने अधिकारों के लिए लड़ना जारी रखेंगे।

कब शुरू हुआ विरोध?

संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा सहित 200 से अधिक किसान संघों द्वारा ‘दिल्ली चलो’ मार्च 13 फरवरी को शुरू हुआ। इसका मकसद केंद्र पर कई मांगों को स्वीकार करने के लिए दबाव डालना है। किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने वाले कानून की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा वे स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन और कृषि ऋण माफी की भी मांग कर रहे हैं।

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