India News (इंडिया न्यूज), Farmers Protest: देश में किसानों ने पिछले कुछ वर्षों में सरकार के सामने अपना लोहा मनवाया है। कयास लगाया जा रहा है कि एक बार फिर से किसान आंदोलन देखने को मिल सकता है। वहीं एमएसपी और अन्य मुद्दों की मांग पर अड़े किसान फिर से दिल्ली कूच करने की कोशिश में हैं। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि अब एमएसपी को कानूनी कानून बनाने के लिए फिर से मार्च शुरू किया जाएगा। देशभर में 15 अगस्त को ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा। फिलहाल शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर बंद है। जब भी ये बॉर्डर खुलेंगे, किसान दिल्ली की ओर जरूर कूच करेंगे।उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि 31 अगस्त को ज्यादा से ज्यादा किसान बॉर्डर पर जुटें। रैली निकाली जाएगी। 1 सितंबर को यूपी संबल, हरियाणा में मेगा रैली होगी। 22 सितंबर को पिपली में बड़ी रैली की जाएगी।
क्या फिर जुटेंगे किसान?
सरवन सिंह ने कहा कि किसानों के हत्यारे आशीष मिश्रा मोनू को जमानत मिल गई है। ऐसे लोगों को जेल में होना चाहिए। हम इसका विरोध करेंगे। सरवन सिंह ने आगे कहा कि हरियाणा सरकार उन अफसरों को सम्मानित करने जा रही है। जिन्होंने किसानों पर अत्याचार किया। इस बीच एक अन्य किसान नेता जगजीत सिंह ने कहा कि शंभू, खनौरी बॉर्डर पर किसानों पर गोलियां चलाई गईं। एक किसान शहीद हो गया, कुछ की आंखों की रोशनी चली गई। दो एसएसपी और एक आईजी को सम्मान के लिए चुना गया है, यह गलत है। माननीय सुप्रीम कोर्ट को इस मामले का संज्ञान लेना चाहिए।
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किसान विरोधी सरकार का चेहरा बेनकाब- किसान नेता
किसान नेता जगजीत सिंह ने कहा कि हरियाणा सरकार इन अफसरों को राष्ट्रपति सम्मान के लिए चुनती है, जो गलत है। हम विरोध में पुतले जलाएंगे। हर जिले में मार्च निकाला जाएगा और भाजपा का पुतला जलाया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि हरियाणा सरकार का चेहरा बेनकाब हो गया है। यह किसान विरोधी है और इसीलिए उसने किसानों के खिलाफ कार्रवाई करने वाले पुलिस अफसरों को बहादुरी पुरस्कार देने की सिफारिश केंद्र से की है।
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