देश

बिहार में भाजपा की जीत के लिए अमित शाह ने सांसदों-विधायकों को दिया टास्क

इंडिया न्यूज, पटना, (For BJP’s Victory In Bihar)। बिहार में भाजपा की जीत के लिए अमित शाह ने सांसदों-विधायकों को टास्क दिया है। इस टास्क का उद्देश्य लोकसभा का चुनाव जीतने के साथ ही साथ भाजपा को अपने बूते बिहार की सत्ता पर काबिज होना है। चूंकि पहले लोकसभा का चुनाव है, इसलिए तैयारी उसी के अनुसार शुरू की गई है।

इस पहल के पीछे रणनीति साफ है कि विधानसभा क्षेत्र मजबूत होगा तो उसका स्वत: लाभ लोकसभा चुनाव में मिलेगा, क्योंकि विधानसभा के छह-सात क्षेत्रों को मिलाकर ही एक लोकसभा क्षेत्र बना है। भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह ने काफी सोच समझ कर सांसदों, विधायकों व विधान पार्षदों के लिए टास्क निश्चित किए है। प्रदेश नेतृत्व द्वारा इसकी औपचारिक घोषणा भी शीघ्र कर दी जाएगी।

भाजपा का बिहार में लोकसभा की 35 सीटें जीतने का लक्ष्य

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 23 और 24 सितंबर को सीमांचल में रहे। उनके पूर्णिया की जनभावना सभा में दिए गए वक्तव्य से स्पष्ट है कि बिहार में भाजपा अब किसी बैसाखी के सहारे नहीं चलेगी। पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक में भी उन्होंने प्रदेश नेतृत्व को यह स्पष्ट निर्देश दिया कि 2025 के लिए मुख्यमंत्री का चेहरा 2024 में कामकाज और प्रदर्शन-प्राप्ति के आधार पर
निश्चित किया जाएगा।

ऐसे में अब कोई दो राय नहीं कि यह पार्टी नेताओं के बीच सकारात्मक प्रतिस्पर्द्धा बढ़ाने का उपक्रम है। इससे सत्ता की दावेदारी करने वालों के बीच प्रतिस्पर्द्धा बढ़ेगी, जिसका लाभ अंतत: पार्टी को मिलेगा। पार्टी का लक्ष्य 2024 में बिहार में लोकसभा की 40 में से 35 सीटें जीतने का है।

इस बार बदला है सियासी समीकरण

लोकसभा के गत चुनाव में भाजपा को उसकी दावेदारी वाली सभी 17 सीटों पर जीत मिली थी। तब जदयू और लोजपा के साथ गठबंधन था। जदयू और लोजपा के खाते में क्रमश: 16 और छह सीटें आई थीं। विपक्षी खेमे से एकमात्र किशनगंज सीट पर कांग्रेस जीती थी। इस बार बराबर की हिस्सेदारी करने वाला जदयू राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में नहीं है।

ऐसे में भाजपा का लक्ष्य 35 सीटों पर जीत निश्चित करना है। बाकी के सीट सहयोगी दलों के हवाले हो सकती हैं। इन 35 सीटों पर लक्ष्य एक सधी रणनीति से ही साधा जा सकता है। संगठन के स्तर पर नए सिरे से 17 सांसदों, पांच राज्यसभा सदस्यों, 76 विधायकों और 23 विधान पार्षदों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।

आगे पार्टी नेतृत्व पिछले चार चुनावों (लोकसभा चुनाव- 2014 व 2019 और विधानसभा चुनाव 2015 व 2020) के चुनाव परिणाम व कार्यकर्ताओं से मिले फीडबैक के अनुसार कमजोर विधानसभा की सूची सांसदों और विधायकों को उपलब्ध करा दी जाएगी।

भाजपा अल्पसंख्यक मतों पर रख रही है विशेष नजर

भाजपा की नजर इस बार अल्पसंख्यक मतों पर भी है। सीमांचल के दौरे के दौरान अमित शाह ने एक शब्द भी अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं बोला। पार्टी की रणनीति आने वाले दिनों में अल्पसंख्यक समाज को भी भाजपा से जोड़ने की है। तीन तलाक पीड़ित महिलाओं और सरकारी योजना के लाभार्थी जो अल्पसंख्यक समाज से आते हैं, उन्हें जोड़ने के लिए पार्टी नए सिरे से काम शुरू करेगी।

सभा में राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी से लेकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह तक ने घुसपैठ को लेकर स्थानीय मुसलमानों को होने वाली हकमारी पर चिंता जताई। उनके प्रति हमदर्दी दिखाई। सभी नेता कोई भी बयान मुसलमानों के खिलाफ नहीं दिया ताकि उनके बयान से मुस्लमानों में नाराजगी फैले।

ये भी पढ़ें : Ankita Bhandari Murder: लोगों ने बद्रीनाथ-ऋषिकेश हाईवे किया जाम, रिसॉर्ट पर चले बुलडोज़र पर उठे सवाल

ये भी पढ़ें : पिछले 24 घंटे में आए कोरोना के 5,383 नए मामले

हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !

Connect With Us : Twitter | Facebook | Youtube
Umesh Kumar Sharma

Recent Posts

UP Weather Update: ठंड में तेजी से बदलाव, घने कोहरे के साथ तापमान में भरी गिरावट, जाने मौसम का पूरा मिजाज

India News (इंडिया न्यूज), UP Weather Update: उत्तर प्रदेश में मौसम में बदलाव देखा जा…

2 mins ago

निर्वस्त्र रहते हैं नागा साधु, जानिए क्या है महिला नागा साधुओं में कपडे को लेकर नियम?

Mahila Naga Sadhu: सनातन धर्म में नागा साधुओं की परंपरा बहुत प्राचीन है। इनका नग्न…

6 mins ago

गंभीर स्तर पर पहुंची दिल्ली की हवा, कई जगहों पर AQI ने पार किया 500 का आकड़ा, प्रदुषण को देखते हुए स्कूल बंद

Delhi Air Quality: दिल्ली में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। जहां कुल…

1 hour ago