इंडिया न्यूज, ग्वालियर : ट्रैफिक नियम तोड़ने पर अब आप शहर छोड़ने के बावजूद भी आप जुमार्ने से बच नहीं सकते। आपको जुर्माना भरना ही होगा। इसके लिए देश के विभिन्न शहरों में स्मार्ट सिटी के अंतर्गत लगाए गए इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आइटीएमएस) के कैमरों व ई-चालान को अब नेशनल इंफार्मेटिक्स सिस्टम (एनआइसी) से जोड़ा जा रहा है। इसके बाद यातायात नियमों को तोड़ने वाले वाहन की पूरी जानकारी एनआइसी के सर्वर पर भेजी जाएगी।
स्थानीय वाहन मालिकों से तो स्थानीय पुलिस जुमार्ना वसूल लेती है लेकिन अब अन्य शहरों, बाहरी राज्य के भी शहरों के वाहन भी यदि ट्रैफिक नियम तोड़कर अपने शहर चला जाता है तो वह बच नहीं सकता। अब एनआइसी सूचना संबंधित शहर की पुलिस को चालान भेजकर करेगी और पुलिस वाहन मालिक या चालक से जुमार्ना वसूल लेगी। इस योजना को व्यावहारिक बनाने के लिए एनआइसी व आइटीएमएस के डाटाबेस को जोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दिया गया है।
एनआइसी एक वर्चुअल कोर्ट तैयार कर रहा है। वाहन मालिकों को चालान मिलने के 15 दिनों के भीतर जुमार्ना जमा करना होगा। वाहन मालिकों द्वारा ऐसा न करने पर जिला एवं सत्र न्यायालय में चालान प्रस्तुत कर वसूली की कार्रवाई की जाएगी।
स्मार्ट सिटी में आइटीएमएस के अंतर्गत कैमरों के अलावा, स्वचालित नंबर प्लेट रिकग्निशन (पहचान) और रेड लाइट वायलेशन (उल्लंघन) डिटेक्शन कैमरे लगाए गए हैं। जिसके मदद से हरदिन हजारों फोटो खींचे जाते हैं। यातायात नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर वाहन मालिकों-चालकों के ई-चालान बनाए जाते हैं। इसके बाद वाहन चालक या मालिक को भेज दिए जाते है।
स्मार्ट सिटी के अमले के पास कार्रवाई का अधिकार नहीं है। इसलिए चालान के जुमार्ना राशि की वसूली यातायात पुलिस से करवाई जाती है। यदि वाहन किसी अन्य शहर या राज्य का है, तो स्थानीय पुलिस का भी अधिकार समाप्त हो जाता है। ऐसे लोगों पर शिकंजा कसने के लिए ही अब आइटीएमएस के माध्यम से बनने वाले ई-चालान का डाटा एनआइसी से जोड़ा जा रहा है। इसके बाद आइटीएमएस का डाटा एक ही सर्वर में एकत्र रहेगा। यदि किसी अन्य शहर का वाहन यातायात नियम तोड़ा है तो, तो एनआइसी उसका चालाना संबंधित शहर की पुलिस को भेजकर जुर्माना वसूलेगी।
फिलहाल आइटीएमएस से बनने वाले चालान के लिए आनलाइन और नकद भुगतान का ही विकल्प है। एनआइसी से जुड़ने के बाद विकल्प बढ़ जाएंगे। क्रेडिट व डेबिट कार्ड और यूपीआइ से भी चालान की राशि का भुगतान किया जा सकेगा।
एनआइसी से स्मार्ट सिटी के आइटीएमएस को जोड़ने का कार्य तेजी से हो रहा है। इस कार्य के संयुक्तीकरण होने के बाद सारा डाटा केंद्रीकृत हो जाएगा। जिससे दूसरे शहर के वाहन चालकों से आसानी से जुमार्ना वसूल लिया जाएगा।
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