India News (इंडिया न्यूज), MEA On Adani: विदेश मंत्रालय (MEA) ने आज अपनी साप्ताहिक ब्रीफिंग में कहा कि अडाणी समूह और अमेरिकी न्याय विभाग से जुड़े कानूनी मामले पर भारत को अमेरिका से कोई औपचारिक अनुरोध प्राप्त नहीं हुआ है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने दिल्ली में संवाददाताओं से बात करते हुए बताया कि यह एक निजी फर्म और व्यक्तियों से जुड़ा कानूनी मामला है, और ऐसे मामलों में तय प्रक्रियाएं और कानूनी रास्ते होते हैं, जिनका पालन किया जाएगा।

“हमने इस मामले पर अमेरिका से कोई बातचीत नहीं की”: MEA

रणधीर जायसवाल ने आगे कहा कि इस विशेष मामले पर भारत सरकार और अमेरिकी सरकार के बीच कोई बातचीत नहीं हुई है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी विदेशी सरकार द्वारा समन या गिरफ्तारी वारंट तामील करने के लिए अनुरोध किया जाता है, तो यह पारस्परिक कानूनी सहायता का हिस्सा होता है, लेकिन ऐसे अनुरोधों की जांच उनकी योग्यता के आधार पर की जाती है।

अडानी मामले में 100 करोड़ का मानहानि मुकदमा दायर करेंगे जगन मोहन रेड्डी, अखबारों को 48 घंटे के भीतर करना होगा ये काम

अडाणी समूह के खिलाफ आरोपों का खंडन

अमेरिकी न्याय विभाग और अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (SEC) ने न्यूयॉर्क के एक न्यायालय में अडाणी समूह के खिलाफ अभियोग और दीवानी शिकायत दर्ज की थी। हालांकि, अमेरिकी न्याय विभाग ने स्पष्ट किया है कि अडाणी समूह के चेयरमैन गौतम अडाणी, उनके भतीजे सागर अडाणी और वरिष्ठ कार्यकारी विनीत जैन पर रिश्वतखोरी के आरोप नहीं हैं। अडाणी समूह की कंपनी अडाणी ग्रीन ने भी अपने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में अमेरिकी कानूनी मामले पर मीडिया रिपोर्ट्स को गलत बताया।

PM Modi की इस खूंखार दूत से क्या हुई बात? दूसरे दिन लगा दी मुस्लिम देश की क्लास, आंखें फाड़ कर देखती रह गई दुनिया

भारत सरकार का स्पष्ट रुख

विदेश मंत्रालय ने यह स्पष्ट किया कि इस मामले में भारत सरकार की कोई भागीदारी नहीं है और न ही किसी प्रकार का औपचारिक अनुरोध भारत को प्राप्त हुआ है। यह मामला पूरी तरह से निजी संस्थाओं और व्यक्तियों से संबंधित है।