India News (इंडिया न्यूज), Omar Abdullah Latest Statement: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव जीतने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बहुत ही बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि पहली ही कैबिनेट बैठक में जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने वाला प्रस्ताव पारित किया जाएगा। नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि सरकार गठन के बाद पहली बैठक में मंत्रिमंडल, राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए केंद्र पर दबाव डालने के वास्ते एक प्रस्ताव पारित करेगा। इसके बाद सरकार इस प्रस्ताव को प्रधानमंत्री के पास भेजेगी। हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, जम्मू-कश्मीर चुनाव में पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का मुद्दा सबसे बड़ा था।
एनसी और कांग्रेस के घोषणापत्र में किया था ये वादा
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने बयान दिया है कि, उन्हें इसकी पूरी उम्मीद है कि जम्मू-कश्मीर में सरकार सुचारू रूप से काम कर पाएगी। उन्होंने कहा, ‘हमारे और दिल्ली के बीच एक फर्क है। दिल्ली कभी एक राज्य नहीं रहा। किसी ने दिल्ली को राज्य का दर्जा देने का वादा नहीं किया। जम्मू-कश्मीर 2019 से पहले राज्य था। हमसे प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और अन्य वरिष्ठ मंत्रियों ने राज्य का दर्जा बहाल करने का वादा किया, जिन्होंने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में तीन कदम उठाए जाएंगे – परिसीमन, चुनाव और फिर राज्य का दर्जा।’
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केंद्र सरकार के प्रति नरम रुख क्यों अपना रहे उमर?
हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, जम्मू कश्मीर में 90 सीटों में से 42 पर नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जीत हासिल की थी। जबकि इनके सहयोगी पार्टी कांग्रेस को केवल 6 सीटें मिली हैं। अब आज खबर आ रही है कि, 4 निर्दलीय विधायकों ने नेशनल कॉन्फ्रेंस को समर्थन देने का ऐलान किया है। इसके बाद ऐसा लग रहा है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस कांग्रेस के बिना सरकार बनाने की सोच रही हैं। हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
अब नेशनल कॉन्फ्रेंस 4 निर्दलीय विधायकों के समर्थन के बाद बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है, वो भी कांग्रेस के बिना। इसलिए ये कयास लगाए जा रहे हैं। अब इसके बाद उमर अब्दुल्लाह का केंद्र के प्रति नरम रुख नजर आ रहा है, उन्होंने कहा है कि, ‘परिसीमन हो गया, अब चुनाव भी हो गए हैं। इसलिए अब केवल राज्य का दर्जा देना ही बाकी है, जिसे जल्द ही बहाल किया जाना चाहिए।’
उमर अब्दुल्ला का ये बयान आया सामने
एनसी नेता ने कहा, ‘पहले सरकार बनने दीजिए। यह सवाल मुख्यमंत्री से पूछा जाना चाहिए। केंद्र की मोदी सरकार के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध होने चाहिए। मेरी उन्हें (मुख्यमंत्री) सलाह होगी कि हम केंद्र के साथ टकराव करके किसी भी मुद्दे का समाधान नहीं कर सकते।’ इसके अलावा उन्होंने ये भी स्पष्ट किया है कि, ‘ऐसा नहीं है कि हम भाजपा की राजनीति स्वीकार करेंगे या भाजपा हमारी राजनीति स्वीकार करेगी। हम भाजपा का विरोध करते रहेंगे लेकिन केंद्र का विरोध करना हमारी मजबूरी नहीं है।’