India News (इंडिया न्यूज), Dheeraj Wadhawan: सीबीआई ने 34000 करोड़ रुपये के बैंकिंग धोखाधड़ी मामले में डीएचएफएल के पूर्व निदेशक धीरज वधावन को गिरफ्तार किया है। धीरज वधावन को सोमवार (13 मई) को मुंबई में गिरफ्तार किया गया था। मंगलवार (14 मई) को उन्हें दिल्ली की विशेष अदालत में पेश किया गया जहां अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। दरअसल 17 बैंकों के कंसोर्टियम से 34,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में सीबीआई पहले ही केस दर्ज कर चुकी है। बैंकों के इस संघ का नेतृत्व यूनियन बैंक ऑफ इंडिया कर रहा है। साल 2022 में ही बैंक धोखाधड़ी मामले में धीरज वधावन का नाम सीबीआई की चार्जशीट में शामिल किया गया था।
धीरज वधावन फिर से गिरफ्तार
बता दें कि इस स्कैम को देश के बैंकिंग इतिहास का सबसे बड़ा फ्रॉड माना जाता है। इससे पहले भी यस बैंक घोटाला मामले में सीबीआई ने धीरज वधावन को गिरफ्तार किया था और फिलहाल वह इस मामले में जमानत पर थे। सीबीआई ने नई दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट की विशेष अदालत में डीएचएफएल के सीएमडी कपिल वधावन और निदेशक धीरज वधावन समेत कुल 74 लोगों और 57 कंपनियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। उन पर 17 बैंकों के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप है। वहीं जांच एजेंसी के चार्जशीट में सीईओ हर्षिल मेहता का नाम भी शामिल है।
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हजारो करोड़ के बैंक धोखाधड़ी का मामला
बता दें कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत पर दायर एपीआईआर में कहा गया है कि डीएचएफएल के कपिल वधावन, धीरज वधावन, जो निदेशक थे।उन्होंने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व में 17 बैंकों के साथ साजिश रची थी। इन बैंकों से 42,871.42 करोड़ रुपये का लोन देने को कहा। भारी मात्रा में ऋण निकाला गया और उसका दुरुपयोग किया गया। सीबीआई के मुताबिक डीएचएफएल के बही-खातों में हेराफेरी की गई। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि 17 बैंकों के कंसोर्टियम को 31 जुलाई 2020 तक बकाया राशि के कारण 34615 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।