India News (इंडिया न्यूज), Mehbooba Mufti: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने एक बहुत बड़ा बयान दिया है। जिससे नया विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल उन्होंने एक बयान में बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों की स्थिति की तुलना भारत में अल्पसंख्यकों से करते हुए राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है। उन्होंने कहा कि, दोनों देशों के बीच ‘कोई अंतर नहीं’ है। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख के बयान की कई भाजपा नेताओं ने निंदा की है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर सरकार से उनके खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया है। उन्होंने उनकी टिप्पणी को ‘राष्ट्र-विरोधी’ करार दिया है। 

मुफ्ती के इस बयान से खफा हो गई भाजपा

हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, मुफ्ती ने रविवार (1 दिसंबर, 2024) को जम्मू में अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से बात करते हुए कहा, “बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे हैं। अगर भारत में भी अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहे हैं। तो फिर भारत और बांग्लादेश में क्या अंतर है? मुझे भारत और बांग्लादेश में कोई अंतर नहीं दिखता।” उन्होंने कहा, “हमारा देश इतना महान है, जो अपने धर्मनिरपेक्ष चरित्र के लिए दुनिया भर में जाना जाता है।” 

भाजपा नेता रविंदर रैना ने की आलोचना

मुफ्ती का यह बयान बांग्लादेश में हिंदू धार्मिक नेता चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच आया है। भाजपा ने पीडीपी प्रमुख की टिप्पणी पर गंभीर आपत्ति जताई है। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार जम्मू-कश्मीर भाजपा के पूर्व अध्यक्ष रविंदर रैना ने कहा, “बांग्लादेश की स्थिति की तुलना भारत से करने वाला महबूबा का विवादित बयान पूरी तरह से गलत और निंदनीय है। 

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दुनिया बांग्लादेश की स्थिति से है वाकिफ

दुनिया बांग्लादेश में सबसे खराब तरह के मानवाधिकार उल्लंघन से वाकिफ है, जहां अल्पसंख्यक समुदाय को लक्षित हमलों का सामना करना पड़ रहा है, महिलाओं का अपमान किया जा रहा है और एक निर्वाचित प्रधानमंत्री को देश से भागने के लिए मजबूर किया जा रहा है, इसके अलावा इसके संस्थापक की मूर्तियों को अपवित्र किया जा रहा है।” 

संभल जामा मस्जिद पर महबूबा मुफ्ती ने क्या कहा?

संभल मस्जिद सर्वेक्षण को लेकर उठे विवाद के संदर्भ में बोलते हुए पीडीपी प्रमुख ने कहा, “संभल की घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। कुछ लोग दुकानों में काम कर रहे थे और उन्हें गोली मार दी गई। अजमेर शरीफ दरगाह, जहां सभी धर्मों के लोग प्रार्थना करते हैं और जो भाईचारे की सबसे बड़ी मिसाल है, वे वहां भी मंदिर खोजने की कोशिश कर रहे हैं।” हमारे पास अच्छे अस्पताल या शिक्षा नहीं है। वे सड़कों की हालत नहीं सुधार रहे हैं, बल्कि मंदिर की तलाश में मस्जिद को ध्वस्त करने की कोशिश कर रहे हैं।

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