गोपेंद्र नाथ भट्ट, नई दिल्ली:
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को आज नई दिल्ली में अणुव्रत विश्व भारती का शीर्ष और प्रतिष्ठित अणुव्रत पुरस्कार प्रदान किया। डॉ. सिंह के राजकीय निवास पर आयोजित अनौपचारिक कार्यक्रम में अणुविभा के अध्यक्ष संचय जैन, ट्रस्टी तेजकरण सुराणा एवं महामंत्री भीखम सुराणा ने उन्हें सम्मानित किया और आचार्य महाश्रमण जी के आशीर्वाद एवं शुभकामनाएं प्रेषित की। अणुव्रत पुरस्कार में डॉ. मनमोहन सिंह को स्मृति चिन्ह, प्रशस्ति पत्र, शॉल, अणुव्रत अंगवस्त्र और एक लाख इक्यावन हजार रुपए का चैक भेंट किया गया। इस अवसर पर डॉ. मनमोहन सिंह की धर्मपत्नी श्रीमती गुरशरण कौर भी मौजूद थीं।
90 वर्षीय डॉ. सिंह ने पुरस्कार स्वीकार करते हुए कहा कि “अणुव्रत प्रवर्तक आचार्य तुलसी ने जिस उद्देश्य से 1949 में अणुव्रत आंदोलन की शुरूआत की थी वह आज और भी अधिक प्रासंगिक हो गया है। अणुव्रत के इन प्रतिष्ठापित मूल्यों से देश का समग्र विकास संभव है। मैं अणुव्रत दर्शन से सदैव प्रभावित और इससे जुड़ने के प्रति रूचिशील रहा हूं। आज इस पुरस्कार के माध्यम से मुझे अणुव्रत आंदोलन से पूर्ण रुपेण जुड़ने का मौका मिला है और इसे मैं अपना सौभाग्य मानता हूं।”
उन्होंने वर्तमान आचार्य महाश्रमण द्वारा दुनिया में मानवीय मूल्यों के उत्थान के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए उन्हें महान संत बताया और अपनी अभ्यर्थना व्यक्त की। उन्होंगे आगे कहा कि “मुझे अनेक पुरस्कार प्राप्त हुए हैं लेकिन अणुव्रत जैसे मानवतावदी आंदोलन द्वारा दिया गया यह सम्मान मेरे लिए विशेष महत्व रखता है।”
इस अवसर पर डॉ सिंह की धर्म पत्नी गुरशरण कौर ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि “दुनिया में अनेक बुराइयों के मध्य आज अच्छाईयां भी मौजूद है जिसका श्रेय संत, महात्माओं और मानवतावादी प्रयासों को है इसमें अणुव्रत आंदोलन का विशेष स्थान है। आज का दिन हमारे लिए विशेष महत्व का दिन है कि हमें आचार्य महाश्रमण जी का आशीर्वाद मिला है। यह ईश्वर की कृपा से संभव हुआ है।”
अणुविभा अध्यक्ष संचय जैन ने कहा कि “आचार्य तुलसी द्वारा प्रवर्तित अणुव्रत आंदोलन संयम, सादगी और प्रामाणिकता को प्रतिष्ठापित करने वाला आंदोलन है और डॉ. मनमोहन सिंह का जीवन इन मूल्यों का उत्कृष्ट और आदर्श उदाहरण है।” जैन ने इस अवसर पर अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य महाश्रमण का मंगल संदेश पढ़कर सुनाया। आचार्यश्री ने डॉ. मनमोहन सिंह के प्रति मंगलकामना व्यक्त करते हुए कहा कि “वे खूब चित्त समाधि में रहते हुए नैतिक मूल्यों के प्रसार में अपनी शक्ति का नियोजन करते रहें।”
ट्रस्टी तेजकरण जैन ने अणुव्रत एवं अणुव्रत पुरस्कार की पृष्ठभूमि बताते हुए कहा कि “डॉ. मनमोहन सिंह ने सार्वजनिक जीवन में रहते हुए भी व्यक्तिगत शुचिता और सादगी का उदाहरण प्रस्तुत किया है।” महामंत्री भीखम सुराणा ने प्रशस्ति पत्र का वाचन किया और अणुविभा के कार्यक्रमों की जानकारी दी।
अणुव्रत कार्यकर्ताओं ने डॉ. मनमोहन सिंह को अणुविभा की विभिन्न प्रवृतियों एवं प्रकाशनों की जानकारी दी तथा साहित्य भेंट किया। डॉ. मनमोहन सिंह एवं श्रीमती गुरशरण कौर ने अत्यंत आत्मीय भाव के साथ अणुव्रत कार्यकर्ताओं के साथ विभिन्न विषयों पर चर्चा की और कहा कि आपको अणुव्रत जैसे श्रेष्ठ विचार को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने का निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए। अणुव्रत दर्शन के लिए अपनी प्रतिबद्धता के चलते वे इस कार्यक्रम में शामिल हुए है। उल्लेखनीय है कि डॉ. सिंह लम्बे समय से सार्वजनिक कार्यक्रमों और मुलाकातों से प्रायः दूर रह रहे हैं।
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !
ये भी पढ़ें : ज्ञानवापी मामले में नई याचिका पर फास्ट ट्रैक कोर्ट इस तारीख को करेगा सुनवाई
सियागहन का दर्दनाक मंजर India News (इंडिया न्यूज), MP News: मध्य प्रदेश के बुधनी क्षेत्र…
India News (इंडिया न्यूज),MahaKumbh 2025: प्रयागराज में महाकुंभ 2025 की तैयारियों की समीक्षा के दौरान…
India News (इंडिया न्यूज)Himachal news: उतर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का आयोजन किया…
Patal Lok Release Date Out: पाताल लोक सीजन 2 के रिलीज़ होने की खबर ने…
Srijana Subedi-Bibek Pangeni Video: महज 32 साल की उम्र में नेपाल के सोशल मीडिया सेंसेशन…
नशे के कारोबार पर पैनी नजर India News (इंडिया न्यूज), Delhi: दिल्ली के नए साल…