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Fraud In Education: प्रशांत किशोर का बिहार सरकार पर बड़ा आरोप, कहा 40 हजार करोड़ रुपये खर्च कर रही है लेकिन…

Itvnetwork Team • LAST UPDATED : September 22, 2023, 9:11 pm IST

India News (इंडिया न्यूज़) Fraud In Education: राजधानी पटना के जय प्रकाश नगर के प्राथमिक विद्यालय का वीडियो बिहार सरकार के दांवों की पोल खोलते हुए तेजी से वायरल हो रहा है। प्राथमिक विद्यालय जय प्रकाश नगर के वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि एक विद्यालय में पांच कक्षाओं के बच्चों को एक क्लास रूम में बैठाकर एक ही ब्लैकबोर्ड पर पढ़ाया जा रहा है। बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर तंज कसते हुए जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में वह 40 हजार करोड़ रुपए हर साल शिक्षा पर खर्च कर रहे हैं।

सरकार 40 हजार करोड़ कर रही खर्च लेकिन 40 बच्चे को भी नहीं

इससे 40 बच्चे भी अच्छे से पढ़कर नहीं निकल पा रहे हैं। बिहार के गांव-देहात, प्रखंड में ऐसे स्कूल थे जहां से लोग पढ़कर बाहर निकलते थे और बहुत ऊंचाइयों पर गए। इसी बिहार में नेतरहाट, लंगट सिंह कॉलेज, पटना साइंस कॉलेज, पटना कॉलेज के साथ ऐसे दस से भी अधिक इंस्टीट्यूशन थे। इनसे पढ़कर हर प्रखंड में एक से दो ऐसे विद्यालय ऐसे थे जहां से पढ़कर लोग अपना जीवन बना पाते थे और तरक्की हासिल करते थे। मैंने जो आपको बताया कि न्यायसंगत शिक्षा नीति बनाने के चक्कर में आपने हर जगह विद्यालय खोल दिए।

40 हजार करोड़ रुपए हर साल शिक्षा पर खर्च

उसकी गुणवत्ता पर, उसकी सविधाओं पर, वहां मिलने वाली शिक्षा पर आपने ध्यान नहीं दिया। अगर, इसको सुधारना है, तो हम लोगों को हर गांव में विद्यालय बनाने की बजाय बच्चों को विद्यालय तक पहुंचाने की व्यवस्था करनी पड़ेगी। जन सुराज की जो परिकल्पना है, जो हमने अध्ययन किया है अभी हम 40 हजार करोड़ रुपए हर साल शिक्षा पर खर्च कर रहे हैं। इससे 40 बच्चे भी अच्छे से पढ़कर नहीं निकल पा रहे हैं।

हम लोगों ने जो परिकल्पना की है इसका एक तिहाई बजट यानी 15 हजार करोड़ रुपए बिहार के हर प्रखंड में नेतरहाट के स्तर की नई शिक्षा व्यवस्था बनाने के लिए किया जाए तो बेहतर होगा। हर साल हर प्रखंड में एक-एक विद्यालय बनाएंगे, तो हर साल पांच अच्छे विद्यालय बना दिए जाएंगे और बस से या गाड़ी की सुविधा दे दी जाए तो बच्चे भी पहुंचेगे। ऐसा कर नई शिक्षा व्यवस्था को बना पाएंगे।

पढ़ाई के नाम पर बंट रही खिचड़ी और करा रहे चोरी

प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि अभी सरकार का जो प्रयास है कि अधिकारी सभी शिक्षकों को स्कूल में बैठा रहे हैं। अगर, शिक्षक स्कूल में बैठ भी जाए, तो उसे पढ़ाने के लिए आप कैसे मजबूर करेंगे। गांव में शिक्षक के रहने की व्यवस्था ही नहीं है, उसके खुद के बच्चे के बीमार पड़ने पर इलाज की व्यवस्था ही नहीं है, तो भला वो वहां रहेगा कैसे? शिक्षा व स्वास्थ्य दोनों ही क्षेत्रों में बेहतर यही होगा कि आप दो ही स्कूल या अस्पताल खोलें, लेकिन उसे अच्छे से चलाएं।

शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में हर प्रखंड में कम से कम 3 से 5 विश्वस्तरीय संस्थान बनाएं। बजाय इसके कि आपने 25, 30, 40 व्यवस्था बनाई हुई है, जहां पर आप केवल खिचड़ी बांट रहे हैं और चोरी करा रहे हैं। ये पैसा बिहार सरकार नहीं हम खर्च कर रहे हैं। बिहार में शिक्षा का बजट 40 हजार करोड़ रुपए का होते हुए भी, आप स्कूलों की दशा देख लीजिए कि यहां क्या हो रहा है।

 

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