इंडिया न्यूज, नई दिल्ली, (From Next Academic Session)। अगले शैक्षणिक सत्र से आइआइटी में बीएड की भी पढ़ाई होगी। नया इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स की समय सीमा चार साल की होगी। इंजीनियरिंग और प्रबंधन जैसे प्रतिष्ठित कोर्सों के बाद भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) ने अब बीएड (बैचलर आफ एजुकेशन) कोर्स शुरू करने जा रही है।

शिक्षक बनने के लिए बीएड की योग्यता जरूरी है। यह खास इंटीग्रेटेड कोर्स चार साल का होगा। इस दौरान विद्यार्थियों को बीएससी-बीएड, बीए-बीएड और बीकाम-बीएड जैसी डिग्रियां दी जाएंगी। फिलहाल इस इंटीग्रेटेड कोर्स की शुरुआत देश के चुनिंदा उच्च शिक्षण संस्थानों में अगले शैक्षणिक सत्र 2023-24 से शुरू की जाएगी।

एनसीटीई नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत मांगें थे आवेदन

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति केतहत खास तरह से डिजाइन किए गए कोर्सों के लिए एनसीटीई ने प्रमुख शिक्षण संस्थानों से आवेदन मांगे थे। इसे लेकर वैसे तो देशभर के सैकड़ों संस्थानों ने आवेदन दिए हैं, लेकिन इनमें जो चौंकाने वाले संस्थान हैं, उनमें आइआइटी मद्रास, आइआइटी खड़गपुर, आइआइटी गुवाहाटी, आइआइटी भुवनेश्वर और आइआइटी मंडी शामिल हैं। पहली बार आइआइटी ने बीएड कोर्स शुरू करने की अनुमति मांगी है। हालांकि अब तक बीएड कोर्सों की पढ़ाई शिक्षण से जुड़े संस्थानों की ओर से ही कराई जाती रही हैं।

वर्तमान समय में सरकारी बीएड कराने वाले कालेजों की संख्या हैं 350

वर्तमान समय में देश में बीएड कालेजों की कुल संख्या करीब 68 सौ है। जिसमें करीब साढ़े तीन सौ कालेज सरकारी हैं। शेष सभी निजी बीएड कालेज हैं। एनसीटीई के अनुसार नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) में शिक्षकों की शिक्षा को गुणवत्ता और मजबूती प्रदान करने की सिफारिश की गई है। इस पहल के तहत उन छात्रों को प्लेटफार्म मुहैया कराना है जो बारहवीं की पढ़ाई के बाद ही शिक्षण के क्षेत्र में जाना चाहते हैं। ऐसे में उनकी स्ट्रीम (संकाय) के आधार पर उन्हें उस क्षेत्र में ही बीएड करने का मौका मिलेगा।

वर्ष 2030 के बाद बीएड करने वाले शिक्षकों की ही भर्ती करने की शिफारिश की गई है

नई शिक्षा नीति में वर्ष 2030 के बाद स्कूलों में शिक्षकों के खाली पदों पर सिर्फ इंटीग्रेटेड बीएड करने वाले शिक्षकों की ही भर्ती करने की सिफारिश की गई है। हालांकि अभी इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स की शुरुआत सिर्फ देश के चुनिंदा व प्रतिष्ठित उच्च शिक्षण संस्थानों से ही की जाएगी।

इसके बाद इसे बाकी संस्थानों में भी शुरू की जाएगी। एनसीटीई के अधिकारियों ने बताया कि इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स शुरू करने के लिए इच्छुक शिक्षण संस्थानों के आवेदनों की पड़ताल की जा रही है। जरूरी औपचारिकताओं के बाद इन्हें कोर्सों को शुरू करने की अनुमति दी जाएगी।

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