India News(इंडिया न्यूज), G20 News: भारत में जी20 शिखर सम्मेलन का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को संबोधन कर उद्घाटन किया पीएम मोदी ने मोरक्को भूकंप पर दुख व्यक्त करते हुए अपने संबोधन को शुरु किया। उन्होंने कहा, “जी 20 की कार्यवाही शुरू करने से पहले, मैं मोरक्को में भूकंप के कारण जानमाल के नुकसान पर अपनी संवेदना व्यक्त करना चाहता हूं। हम प्रार्थना करते हैं कि सभी घायल जल्द से जल्द ठीक हो जाएं। भारत पेशकश करने के लिए तैयार है।” इस कठिन समय में मोरक्को को हर संभव सहायता।”
समिट को संबोधित के दौरान कहा कि यहां से कुछ किलोमीटर की दूरी पर लगभग ढ़ाई हजार साल पुराना एक स्तंभ लगा हुआ है जिस पर प्राकृत भाषा में लिखा है कि हेवं लोकश:हित मुखेति, अथ: इयं नातेशु हेवं अर्थात मानवता का हित और उसका कल्याण सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि ढाई हजार साल पहले भारत की इसी भूमि से यह संदेश पूरी दुनिया को दिया था। 21वीं सदी का यह समय पूरी दुनिया को नई दिशा देने वाला समय है। यह वह समय है जब सालों पुरानी चुनौतियां हमसे नये समाधान मांग रही हैं।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधन के दौरान कहा कि भारत की जी20 की अध्यक्षता देश के अंदर और बाहर दोनों जगह समावेशन, ‘सबका साथ’ का प्रतीक बन गई है। यह भारत में लोगों का जी20 बन गया है। करोड़ों भारतीय इससे जुड़े हुए हैं। 60 से अधिक शहरों में देश की 200 से अधिक बैठकें हो चुकी हैं। ‘सबका साथ’ की भावना के साथ भारत ने प्रस्ताव दिया था कि अफ्रीकी संघ को जी20 की स्थायी सदस्यता दी जाए। मेरा मानना है कि हम सभी इस प्रस्ताव से सहमत हैं।”
उन्होंने कहा कि कोविड 19 के बाद विश्व में बहुत बड़ा संकट विश्वास के अभाव का आया है। युद्ध ने ट्रस्ट डेफिसिट को और गहरा किया है। जब हम कोविड को हरा सकते हैं तो आपसी अविश्वास के तौर पर आए संकट को भी हरा सकते हैं। हम सब मिलकर ग्लोबल ट्रस्ट डेफिसिट को एक विश्वास और एक भरोसे में बदलें। पीएम मोदी ने कहा कि ये सबको साथ मिलकर चलने का समय है। सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास का मंत्र हम सब के लिए पथ प्रदर्शक बन सकता है।
शिखर सम्मेलन का पहला सत्र शुरू होने पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने जी20 के स्थायी सदस्य के रूप में अफ्रीकी संघ के प्रमुख को अपनी सीट लेने के लिए आमंत्रित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत अफ्रीकी युनियन को जी20 में शामिल किए जाने का प्रस्ताव दे रहा है। हमें उम्मीद है कि इस प्रस्ताव में हर देश की सहमति है। मैं अफ्रीका के राष्ट्रपति के स्थाई सदस्य के रूप में अपना स्थान ग्रहण करने के लिए आमंत्रित करता हूं। बता दें कि इसके साथ ही अब जी20, जी21 के नाम से जाना जाएगा।
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