India News (इंडिया न्यूज़), Gandhi Peace Prize: गोरखपुर गीता प्रेस को गांधी शांति 2021 पुरस्कार दिए जाने पर कांग्रेस पार्टी ने आपत्ति जाहीर की। इसके बाद से इस मुद्दे पर राजनीति गर्मा गई। कांग्रेस लगातार इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमले कर रही है। वहीं, सरकार ने भी कांग्रेस पर पलटवार करना शुरू कर दिया है। इस मुद्दे पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने एक प्रेस कॉफ्रेंस कर कांग्रेस पर निशाना साधा है।
उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, “मुस्लिम लीग बिल्कुल धर्मनिरपेक्ष है और RSS सांप्रदायिक आज का एजेंडा नहीं है, यह एक एजेंडा है जो नेहरू जी के जमाने का है… ये विचार जो है वो खानदानी है, ये सोच उनकी रूहानी है। इसलिए मैं एक बार फिर कहना चाहता हूं कि गीता प्रेस, गोरखपुर के मुद्दे पर कांग्रेस ने जो चरित्र दिखाया है, वह उनकी भारत, भारतीय संस्कृति, हिंदुत्व और महात्मा गांधी के आदर्शों के प्रति अवमानना का स्पष्ट प्रमाण है।”
मुस्लिम लीग बिल्कुल धर्मनिरपेक्ष है और RSS सांप्रदायिक आज का एजेंडा नहीं है, यह एक एजेंडा है जो नेहरू जी के जमाने का है… ये विचार जो है वो खानदानी है, ये सोच उनकी रूहानी है। इसलिए मैं एक बार फिर कहना चाहता हूं कि गीता प्रेस, गोरखपुर के मुद्दे पर कांग्रेस ने जो चरित्र दिखाया है,… pic.twitter.com/wiZTN0XBOL
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 20, 2023
गौरतलब है कि सरकार के द्वारा साल 2021 का गांधी शांति पुरस्कार गोरखपुर गीता प्रेस को दिए जाने पर कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने इस कदम की आलोचना करते हुए, पुरस्कार के लिए गीता प्रेस के चयन को एक उपहास बताया। जयराम रमेश ने कहा कि गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार 2021 देना, सावरकर और गोडसे जैसों को पुरस्कृत करने जैसा होगा।
उधर, बीजेपी के नेताओं का कहना है कि गांधी शांति पुरस्कार गीता प्रेस के भगीरथ कार्यों का सम्मान है। भारत की गौरवशाली प्राचीन सनातन संस्कृति और आधार ग्रंथों को अगर आज सुलभता से पढ़ा जा सकता है तो इसमें गीता प्रेस का अतुलनीय योगदान है।
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