इंडिया न्यूज, लखनऊ:
Gang Rape Case यूपी की अखिलेश सरकार में खनन मंत्री रहे Gayatri Prajapati को गैंगरेप और पॉक्सो एक्ट मामले में अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसी मामले में प्रजापति के दो साथियों को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। इसी के साथ अदालत ने तीनों दोषियों पर दो-दो लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
नौकरी दिलाने के बहाने लखनऊ बुलाकर की थी दरिंदगी (Gang Rape Case)
गायत्री प्रजापति व उसके साथियों पर नौकरी दिलाने के नाम पर चित्रकूट की एक महिला से गैंगरेप और उसकी नाबालिग बेटी से रेप की कोशिश का दोष साबित हुआ था। 18 फरवरी 2017 को महिला ने लखनऊ के गौतम पल्ली थाने पर शिकायत दर्ज कराई थी। वर्ष 2014 से जुलाई 2016 तक उसका शारीरिक शोषण किया जाता रहा। एमपी/एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय ने इसी सप्ताह 10 नवंबर को प्रजापति और उनके दो साथियों को दोषी करार दिया था। अन्य दो दोषियों में अशोक तिवारी और आशीष हैं।
चार सह आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी किया (Gang Rape Case)
अदालत ने इसी मामले में गिरफ्तार चार सह आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। प्रजापति के साथ जिला जेल में बंद रहे चारों सह आरोपियों को गुरुवार की रात जेल से रिहा कर दिया गया था। बुधवार को इन्हें बरी कर दिया गया था। यह सभी गायत्री के साथ वर्ष 2017 से जिला जेल में बन्द थे। अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू, विकास वर्मा, चंद्रपाल एवं रूपेश को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया था।
गायत्री ने समझौते के लिए पूरा जोर लगाया पर सफल नहीं हुआ (Gang Rape Case)
पीड़िता से समझौते के लिए गायत्री और उनके परिचितों ने पूरा जोर लगा दिया था लेकिन पीड़िता अपनी जिद पर अड़ी रही। गायत्री की गिरफ्तारी के बाद ही उस पर बयान बदलने के लिए दबाव बनाया गया लेकिन वह किसी से नहीं मानी। जब मामले ने काफी तूल पकड़ा और वह सुप्रीम कोर्ट तक गयी तब सरकार को भी पीछे हटना पड़ा। गायत्री प्रजापति के खिलाफ हर तरफ से शिकंजा कसता चला गया था।
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