इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:

General Naravane Become COSC Chairman सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे को कल चीफ आफ स्टाफ कमेटी (COSC) का चेयरमैन नियुक्त किया गया। यह पद मिलने के बाद उनकी चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बनने की दावेदारी मजबूत हो गई है।

जनरल एमएम नरवणे ने नए पद पर अपना कार्यभार संभाल लिया है। देश के पहले CDS Bipin Rawat के निधन के बाद जनरल नरवणे को नया CDS बनाए जाने के कयास लगाए जा रहे थे लेकिन अभी ऐसा नहीं हुआ। इसके बजाय उन्हें तीनों सेनाओं के प्रमुखों की मौजूदगी वाली कमेटी (COSC) का चेयरमैन बनाया गया है। चेयरमैन की यह पोस्ट जनरल बिपिन रावत के असामयिक निधन के बाद से खाली पड़ी थी।

नए CDS को लेकर नहीं अभी कोई चर्चा (General Naravane Become COSC Chairman)

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार फिलहाल नए CDS की नियुक्ति पर अभी कोई चर्चा नहीं हुई है। जनरल नरवणे तीनों सेनाओं के प्रमुखों में सबसे सीनियर हैं इसलिए उन्हें COSC का चेयरमैन बनाया गया है और इससे उनका अगला सीडीएस बनने का दावा और ज्यादा मजबूत हो गया है।

जनरल नरवणे 2019 में बने थे आर्मी चीफ (General Naravane Become COSC Chairman)

वायु सेना के प्रमुख Air Chief Marshal VR Choudhary ने 30 सितंबर को और नौसेना प्रमुख Admiral R. Hari Kumar ने 30 नवंबर को अपना पद संभाला था। वहीं 61 वर्षीय General Naravane को सेना प्रमुख बने करीब दो साल हो चुके हैं। है। उन्होंने जनरल बिपिन रावत के रिटायरमेंट व देश के पहले CDS के तौर पर प्रमोशन के बाद 31 दिसंबर, 2019 को चीफ आफ आर्मी स्टाफ (COAS) की जिम्मेदारी संभाली थी।

जानिए क्या है COSC और इस पद पर क्या है नियुक्ति की प्रक्रिया (General Naravane Become COSC Chairman)

सीओएससी तीनों सेनाओं के प्रमुखों की मौजूदगी वाली कमेटी होती है। यह तीनों सेनाओं के बीच अभियानों व अन्य मुद्दों को लेकर कोआॅर्डिनेशन बनाने का काम करती है। जनरल नरवणे को उसी पुरानी परंपरा के तहत सीओएससी का चेयरमैन नियुक्त किया गया है, जो सीडीएस का पद बनाए जाने से पहले लागू थी। इस परंपरा के तहत तीनों सेनाओं के प्रमुखों में से सबसे सीनियर अधिकारी को सीओएससी चेयरमैन नियुक्त किया जाता था।

जनरल रावत का 8 दिसंबर को हेलिकॉप्टर क्रैश में हुआ था निधन (General Naravane Become COSC Chairman)

देश के पहले उऊर जनरल बिपिन रावत का 8 दिसंबर को हेलिकॉप्टर क्रैश में उस समय निधन हो गया था, जब वे अपनी पत्नी और 12 अन्य सैन्य अफसरों के साथ तमिलनाडु के कुन्नूर में एक कार्यक्रम में जा रहे थे। इस हादसे में जनरल रावत के अलावा उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य अफसर मौके पर ही शहीद हो गए थे, जबकि इकलौते घायल ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का 8 दिन अस्पताल में इलाज के बाद कल निधन हो गया।

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