इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
Germany Halts Russia’s Nord Stream 2 Gas Pipeline Certification Process : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (unsc) की आपात बैठक में रूस-यूक्रेन में युद्ध के बनते हालात को देखते हुए पुतिन के कदमों पर गहरी नाराजगी व्यक्त की। इसमें जर्मनी ने पहला कदम उठाते हुए रूस की नार्ड स्ट्रीम 2 गैस पाइपलाइन प्रमाणन प्रक्रिया रोक दी है। वहीं, भारत समेत पश्चिमी देशों ने इसका खुलकर विरोध किया। साथ ही साफ शब्दों में स्पष्ट किया कि अगर रूस युद्ध रोकने के लिए नहीं मानता है तो कई देश रूस पर प्रतिबंध लगाकर उसे आर्थिक नुकसान पहुंचाएंगे। रूस के डोनेत्स्क और लुहांस्क में सेना भेजने के बाद भारत ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। भारत ने कहा है कि यूक्रेन व उसके आसपास के इलाकों में रह रहे 20 हजार से अधिक भारतीय नागरिकों की सुरक्षा उसकी प्राथमिकता है। वहीं, यूक्रेन के प्रधानमंत्री ने कहा है कि वह हर चुनौती के लिए तैयार है।
यूरोप में युद्ध की आहट के बीच यूक्रेन के अलगाववादी नियंत्रित क्षेत्रों में सैनिक तैनात करने के रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आदेश से दुनियाभर के नेता स्तब्ध हैं जर्मनी ने पहला बड़ा कदम उठाया और रूस से नॉर्ड स्ट्रीम 2 (nord stream 2) गैस पाइपलाइन के प्रमाणन की प्रक्रिया को रोकने की कार्रवाई शुरू कर दी। यह मॉस्को के लिए एक आकर्षक सौदा था और रूसी ऊर्जा आपूर्ति पर यूरोप की निर्भरता बढ़ने की अमेरिका ने आलोचना की थी। पश्चिमी देशों का कहना है कि यूक्रेन में पुतिन के कदमों ने अनगिनत अंतरराष्ट्रीय समझौतों का उल्लंघन किया है और चूंकि कूटनीति के शब्द विफल हो गए, इसलिए कार्रवाई की ओर बढ़ने का समय आ गया है।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने मंगलवार को कहा कि उनका देश आर्थिक प्रतिबंधों की पहली बमबारी करके रूस को निशाना बनाएगा। उन्होंने आगाह किया कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन के खिलाफ पूर्ण युद्ध शुरू करने को लेकर अड़े हुए हैं। जॉनसन ने कहा कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कानून को तार-तार कर दिया है इसलिए वह तुरंत आर्थिक प्रतिबंध लगाएंगे।
रूस-यूक्रेन विवाद पर विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला का भी बयान आया है। उन्होंने कहा कि सुबह हमने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक बयान में कहा है कि हम बहुत स्पष्ट हैं कि तनाव कम होना चाहिए। दुनिया एक और संघर्ष नहीं चाहती। कूटनीति से ऐसा सौहार्दपूर्ण समाधान निकालने का एकमात्र तरीका है जो सभी को स्वीकार्य हो।
ईंधन की कीमतों में वृद्धि और यूक्रेन पर रूस के हमले की आशंका के कारण यूरोपीय देशों के नेता ऊर्जा सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं, विशेष रूप से इसलिए क्योंकि वे प्राकृतिक गैस के लिए दशकों तक मॉस्को पर निर्भर रहे हैं। किफायती दरों पर सीमापार गैस और बिजली उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 2015 में ऊर्जा संघ बनाने की बात कही गई थी लेकिन अभी तक उस पर बहुत कम प्रगति हुई है। अन्य जीवाश्म ईंधन खत्म होते जा रहे हैं इसलिए यूरोप को प्राकृतिक गैस की जरूरत है और इसके लिए वह रूस पर निर्भर है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी यूक्रेन को संकट लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा भारत यूक्रेन के मामले पर यही चाहता है कि बातचीत के जरिए समाधान निकाला जाए। अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा है कि वे रूस के राष्ट्रपति के साथ बात करेंगे। अगर इन दोनों की बातचीत होगी तो निश्चित तौर पर समाधान निकलेगा। जहां तक भारत की बात है भारत शांति चाहता है।
पुतिन के एलान के बाद ब्रिटेन के स्वास्थ्य सचिव साजिद जावेद ने दावा किया है कि रूस की फौज ने यूक्रेन पर आक्रमण कर दिया है। अब ब्रिटेन उस पर कई कड़े प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रहा है। मीडिया से बात करते हुए जावेद ने कहा कि यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि यूक्रेन पर आक्रमण शुरू हो चुका है।
यूक्रेन पर रूस के हालिया कदम के बाद यूरोपीय संघ भी प्रतिबंधों को लागू करने की तैयारी कर रहा है। विदेश नीति के प्रमुख जोसेप बॉरेल ने कहा कि यूरोपीय संघ के विदेश मंत्री रूस द्वारा दो शहरों को मान्यता दिए जाने और यूक्रेन के क्षेत्रों में सैनिकों की तैनाती के खिलाफ रूस पर प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार है।
यूक्रेन में रूसी हमले की आशंका गहराती ही जा रही है। इस बीच भारत ने छात्रों से एक बार फिर से अपील की है कि, वे तुरंत यूक्रेन छोड़कर भारत लौटें। भारत की ओर से कहा गया है कि, आॅनलाइन क्लासों की आधिकारिक घोषणा का इंतजार किए बिना भारतीय छात्र वापस लौटना शुरू करें। भारत की ओर से नागरिकों को निकालने के लिए अतिरिक्त उड़ाने भी शुरू की गई हैं। यूक्रेन में जारी उच्च स्तरीय तनाव को देखते हुए भारत ने अतिरिक्त उड़ानों को संचालित करने का फैसला किया है। यूक्रेन में भारतीय दूतावास के मुताबिक, कीव से दिल्ली के लिए चार उड़ानें 25 फरवरी, 27 फरवरी और 6 मार्च, 2022 को संचालित होंगी।
यूक्रेन-रूस संकट के बीच छत्तीसगढ़ के लोगों को यूक्रेन से बाहर निकालने के लिए राज्य सरकार की ओर से हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं। सरकार ने छात्रों व अन्य भारतीय नागरिकों क मदद के लिए गणेश मिश्रा को नियुक्त किया है। वह यूक्रेन की सरकार के लगातार संपर्क में है। सरकार की ओर से हेल्पलाइन नं 01146156000, फैक्स-01146156030, मोबाइल नं. 9997060999 शुरू किया गया है।
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