India News(इंडिया न्यूज),Giriraj Singh: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) 2006 से देश भर में ग्रमीण क्षेत्रों में रोजगार के साथ-साथ विकास करने उतपन्न करने की ये योजना शुरूआत से हीं घोटालो और बाईमानी का भेंट चढ़ता रहा है। जिसके बाद मनरेगा के विषय ये जानकारी सामने आ रही है जिसमें वित्त वर्ष 2022-23 में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत पांच करोड़ से अधिक जॉब कार्ड रद्द कर दिए गए, जो 2021-22 की तुलना से 247 प्रतिशत अधिक है। मिली जानकारी के अनुसार बता दें कि, यह जानकारी एक लिखित जवाब में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने लोकसभा में दी है।
गिरिराज सिंह ने कही ये बातें (Giriraj Singh)
बता दें कि, लिखित तौर पे दी जानकारी में गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) ने कहा कि, फर्जीवाड़ा, डुप्लिकेट जॉब कार्ड, काम करने की इच्छा नहीं होना, परिवार के ग्राम पंचायत से स्थायी रूप से स्थानांतरित हो जाने या मृत्यु जैसे कारणों से नाम हटाए गए हैं। वित्त वर्ष 2021-22 में 1,49,51,247 श्रमिकों के मनरेगा जॉब कार्ड रद्द किए गए थे, जबकि 2022-23 में यह संख्या 5,18,91,168 थी। सबसे अधिक कार्ड पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से रद्द किए गए।
वित्त मंत्रालय ने कही ये बातें
गिरिराज सिंह के इस बयान के बाद वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि, 2022-23 में 8.75 लाख से अधिक हिंदू अविभाजित परिवारों ने आयकर रिटर्न दाखिल करते हुए 3,803 करोड़ रुपये की कटौती का दावा किया। बता दें कि, भारतीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में एक जवाब में पिछले पांच वर्षों के दौरान कर का लाभ उठाने वाले हिंदू अविभाजित परिवारों की संख्या का विवरण दिया था।
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