इंडिया न्यूज, नई दिल्ली, (Government Strict Against Infiltrators) : सरकार बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ सख्त हो गई है। देश में घुसपैठियों की समस्या दिन पर दिन गंभीर होते जा रही है। इसे लेकर केंद्र सरकार ने सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से बांग्लादेशी घुसपैठियों की तुरंत पहचान करने और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
इस मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि गत पांच वर्षों में 2,399 बांग्लादेशी गिरफ्तार किए गए हैं। इन सभी के पास अवैध तरीके से हासिल किए गए भारतीय दस्तावेज मिले थे। ऐसे में प्रश्न यह उठता है कि क्या देश में बांग्लादेशी और अप्रवासियों की संख्या में वृद्धि हुई है? बीते वर्षों के दौरान देश में निर्धारित अवधि से अधिक समय तक या अवैध रूप से रहने वाले अप्रवासियों की राज्यवार और राष्ट्रीयतावार संख्या कितनी है।
भारत सरकार ने राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से विशेष क्षेत्रों में अवैध प्रवास को रोकने के लिए कठोर कदम उठाने को कहा है। इनसे घुसपैठियों के बायोमैट्रिक विवरण के साथ ही पूरी जानकारी एकत्रित करने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही उनके पास पाए जाने वाले भारतीय दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, वोटर कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड इत्यादि को रद्द कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने और उन्हें वापस उनके देश भेजने के लिए कहा गया है।
वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगती सीमा पर क्षेत्राधिकार बढ़ने से सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को ड्रग्स और नशीले पदार्थो की तस्करी को नियंत्रित करने में काफी हद तक सफलता मिली है। राष्ट्र विरोधी ताकतों द्वारा ड्रोन और मानव रहित विमानों के इस्तेमाल को देखते हुए बीएसएफ के क्षेत्राधिकार को बढ़ाने के फैसले से काफी लाभ हुआ है। बीएसएफ को अब सीमा से 50 किलोमीटर अंदर तक जांच पड़ताल करने की छूट मिली है।
दो वर्ष पूर्व राज्यसभा में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लिखित जवाब में 2017, 2018, 2019 तक के आंकड़े पेश किए थे। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2017 में भारत में वैध तरीके से आने वाले और वीजा खत्म होने के बाद भी रहने वालों की संख्या तकरीबन 26 हजार थी। वर्ष 2018 में ऐसे बांग्लादेशियों की संख्या बढ़कर 50 हजार हो गए और वर्ष 2019 में ये संख्या घटकर तकरीबन 35 हजार रह गई थी।
नित्यानंद राय ने यह भी बताया था की बांग्लादेश से अवैध तरीके से भारत में घुसने वाले अप्रवासियों की तादाद भी लगातार बढ़ती जा रही है। इसमें से सबसे ज्यादा मामले पश्चिम बंगाल में हैं। वर्ष 2017 में भारत-बांग्लादेश की सीमा पर 1175 लोग पकड़े गए थे। वर्ष 2018 में 1118 और वर्ष 2019 में 1351 लोग पकड़े गए थे।
केंद्र सरकार ने कहा था कि गत तीन वर्षो में गैर कानूनी ढंग से भारत में रह रहे बांग्लादेशियों की संख्या भारत में करीब एक लाख 10 हजार है। ये ऐसे बांग्लादेशी हैं जो भारत में वीजा लेकर आए थे, लेकिन वीजा की तारीख निकल जाने के बाद भी भारत में अवैध तरीके से रह रहे थे। सरकार ने ये भी कहा था कि अवैध अप्रवासी चोरी-छिपे और छलपूर्वक बिना किसी वैध यात्रा दस्तावेज के देश में प्रवेश कर जाते हैं।
बांग्लादेशी नागरिकों सहित अवैध रूप से रह रहे इस प्रकार के विदेशियों का पता लगाना, उपके विरुद्ध (डिटेन) करना और निर्वासित करना एक सतत प्रक्रिया है। चूंकि, ऐसे अवैध प्रवासी देश में चोरी-छिपे और छलपूर्वक प्रवेश करते हैं, इसलिए देश के विभिन्न भागों में रह रहे ऐसे बांग्लादेशी नागरिकों के सटीक आंकड़े एकत्र करना संभव नहीं है। सरकार ने कहा कि उपलब्ध सीमित आंकड़ों के अनुसार ये संख्या एक लाख 10 हजार है।
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