India News (इंडिया न्यूज), DeepFake: गलत सूचना और डीपफेक से निपटने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सलाह जारी की। मंत्रालय ने राज्यसभा को सूचित किया कि महत्वपूर्ण सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को सलाह जारी की गई है, जिसमें उन्हें यह सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है कि उनके नियमों-विनियमों और उपयोगकर्ता समझौते में उचित प्रावधान हों।

मंत्रालय ने सलाह जारी करते हुए कहा कि उपयोगकर्ताओं के लिए आईटी नियमों के तहत निषिद्ध किसी भी जानकारी को होस्ट, प्रदर्शित, अपलोड, संशोधित, प्रकाशित, प्रसारित, संग्रहीत, अद्यतन या साझा नहीं करना चाहिए।

नियमों का पालन नहीं करने पर लगेगा जुर्माना

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चन्द्रशेखर ने कहा, “सरकार की नीतियों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भारत में इंटरनेट सभी उपयोगकर्ताओं के लिए खुला, सुरक्षित, भरोसेमंद और जवाबदेह हो।” चन्द्रशेखर ने उच्च सदन को सूचित किया कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66 डी के तहत कंप्यूटर संसाधनों का उपयोग करके धोखाधड़ी करने पर तीन साल तक की कैद और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।

पूर्व में चंद्रशेखर ने दी थी जानकारी

केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने गलत सूचना और डीपफेक से निपटने के लिए एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, प्लेटफार्मों के अनुपालन को और सुनिश्चित करने के लिए नए, संशोधित आईटी नियमों और ऑनलाइन उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा और विश्वास पर सक्रिय रूप से विचार किया जा रहा है।

यह भी पढ़ेंः-