Greenfield Expressway नारनौल, भिवानी के लोग आधे समय में पहुंचेंगे चंडीगढ़

Greenfield Expressway

  • कॉरिडोर का कार्य अंतिम चरण में, सितंबर तक फर्राटा भर सकते हैं वाहन
  • विदेश जैसी फिलिंग देगा सफर में 152 डी, खुलेंगे विकास द्वार

पवन शर्मा, चंडीगढ़ :

Greenfield Expressway नारनौल, महेंद्रगढ़, दादरी तथा भिवानी से चंडीगढ़ तक का थका देने वाला सफर अब केवल तीन घंटे में पूरा होगा। नया नेशनल हाइवे 152डी न केवल बेहतरीन सफर की अनुभूति देगा बल्कि हाइवे के दोनों तरफ बिखरी हरियाली आपके सफर काे आसान बना देगी। जी, हां हम बात कर रहे हैं नए बनने वाले ग्रीन फिल्ड कॉरिडोर की। ईस्माइलाबाद  कस्बे से जैसे ही नेशनल हाइवे नंबर 152 पर कुछ दूर चलेंगे तो इस मार्ग से आपको हिसार जाने की बजाए नारनौल की तरफ मोड़ेगा नया हाइवे 152डी।

इस नए हाइवे को एक और नाम दिया गया है ग्रीन फील्ड कॉरिडोर। जैसा की नाम है ठीक वैसा ही इस हाइवे पर चढ़ने के बाद नजारा बनता है। जो लोग  सिंगापुर, मलेशिया या थाईलैंड या युरोप गए हैं उन्हे ठीक वैसी ही फिलिंग इस हाइवे पर चलने से मिलेगी। ईस्माइलाबाद से नारनौल तक इस इाइवे का कार्य अंतिम दौर में है। (Greenfield Expressway News)

सितंबर तक चालू हो सकता है हाईवे

Greenfield Expressway

माना जा रहा है कि सितंबर तक इस ग्रीन फिल्ड कॉरिडोर को प्रधानमंत्री देश को समर्पित कर देंगे। हाइवे के कार्य में आठ विश्व स्तर की रोड निर्माता कंपनियां लगी हुई हैं। रोड का कार्य लगभग पूरा हो चुका है केवल अब ओवर ब्रिज का कार्य अधिकतर स्थानों पर बचा हुआ है जिसको पूरा करने के लिए तेजी से कार्य हो रहा है। एक कंपनी के इंजिनियर राकेश सिंह ने बताया कि इस मार्ग की खास बात यह होगी कि इस पर सौर ऊर्जा के पॉवन प्लांट लगाए गए हैं। रात को इस हाइवे का नजारा देखते ही बनेगा। (Greenfield Expressway News in hindi)

सभी सुविधाओं से होगा लेस

विश्व स्तर की सभी सुविधाओं का ध्यान इस मार्ग के निर्माण में रखा गया है। अंबाला कोटपुतली कॉरिडोर में पर्यावरण के अनुकूल विशेषताएं होंगी जिनमें प्रत्येक 500 मीटर पर जल संचयन स्थल शामिल हैं। कॉरिडोर के दोनों ओर करीब डेढ़ लाख पेड़ लगाए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, मार्ग विश्व स्तरीय यात्री सुविधाओं से सुसज्जित होगा, जिसमें फूड कोर्ट और ईंधन भरने की सुविधाएं शामिल हैं।

152 डी होगा एक्सप्रेस वे का नाम

Greenfield Expressway

यह एक्सप्रेस-वे NH-152 से जा रहा है, इसलिए इस एक्सप्रेस-वे को 152-D का नाम दिया गया है। इस प्रोजेक्ट का काम लगभग पूरा होने की कगार पर है और इस साल सितंबर तक इस पर वाहनों के चलने की संभावना है। इस एक्सप्रेस-वे पर सफर करने के लिए टोल प्लाजा से ही एंट्री- एग्जिट करनी पड़ेगी। इस एक्सप्रेस-वे का मेन एंट्री टोल कैथल और नारनौल में बनाया गया है। इस एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 227 किलोमीटर होगी जिसके दोनों तरफ 3 ड्राइविंग लेन बनाई गई है। (Greenfield Expressway)

पांच हजार करोड़ की राशि होगी खर्च (Greenfield Expressway Cost)

इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य पर लगभग 5 हजार करोड़ की अनुमानित राशि खर्च होने की संभावना है। इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण से नारनौल, महेन्द्रगढ़, कनीना, चरखी दादरी, कलानौर, भिवानी, महम, रोहतक, सफीदों, जींद और कैथल के लोगों को सीधा फायदा पहुंचेगा और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

क्या कहते हैं सांसद धर्मबीर सिंह

अंबाला कोटपुतली एक्सप्रेसवे एक आगामी ग्रीनफील्ड कॉरिडोर है जो हरियाणा के अंबाला शहर और राजस्थान के कोटपुतली को जोड़ेगा। छह लेन, पहुंच नियंत्रित अंबाला कोटपुतली राजमार्ग, जिसकी कुल लंबाई 313 किलोमीटर है, से क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को एक बड़ा बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। भिवानी महेंद्रगढ़ के लोकसभा सदस्य धर्मबीर सिंह का कहना है कि राजमार्ग को इस वर्ष  2022 में खोल दिया जाएगा।

कॉरिडोर का 90% पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा कि कॉरिडोर का निर्माण रिकॉर्ड गति से किया जा रहा है।  सरकार सड़कों के डिजाइन और निर्माण, पर्यावरण के अनुकूल सड़कों के विकास, उद्योग के अनुकूल दृष्टिकोण, सुरक्षित और आर्थिक सड़कों के लिए नई तकनीक और तेज निर्माण के लिए सुरक्षा-प्रथम दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

इस मार्ग की खास बातें (Highlights of Greenfield Expressway)

छह लेन का एक्सप्रेसवे अंबाला से नारनौल होते हुए शुरू होगा और राजस्थान के जयपुर के पास कोटपुतली तक पहुंचेगा। यह एक आर्थिक गलियारा है जिसमें चार सड़क परियोजनाएं शामिल हैं:

  • अंबाला से इस्माइलाबाद तक NH 152 का 39 किलोमीटर का खंड।
  • ट्रांस-हरियाणा एक्सप्रेसवे या अंबाला-नारनौल एक्सप्रेसवे 227 किलोमीटर तक फैला है।
  • नारनौल बाईपास का 14 किलोमीटर लंबा हिस्सा।
  • कोटपुतली के पास नारनौल से पनियाला मोड़ (NH-48) तक NH 148B का 30 किलोमीटर का खंड।

आगामी दिल्ली वडोदरा मुंबई एक्सप्रेसवे, जो राष्ट्रीय राजमार्ग 148बी से जुड़ा होगा, को भी अंबाला कोटपुतली कॉरिडोर से जोड़ा जाएगा। इस प्रकार, यह पंजाब, हरियाणा और राजस्थान सहित उत्तरी क्षेत्रों से मुंबई जैसे पश्चिमी भारत के शहरों के लिए सबसे छोटा मार्ग प्रदान करेगा।

अंबाला कोटपुतली कॉरिडोर तीन राज्यों में उद्योग के सामान और यात्री यातायात के लिए सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। प्रमुख शहरों में भीड़भाड़ कम करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे परियोजनाओं की योजना बनाई गई है। एक्सप्रेसवे अंबाला और जयपुर के बीच की दूरी और यात्रा के समय को भी कम करेगा, क्योंकि यह दिल्ली को छोड़कर एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान करेगा।

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Sameer Saini

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