नई दिल्ली (GST Council Meeting: Report accepted with slight modification of language):जीएसटी काउंसिल की मीटिंग के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी परिषद ने कुछ संशोधनों के साथ जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण (GST Appellate Tribunal) पर मंत्रियों के समूह की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है।

  • रिटायर्ड जज के साथ दो न्यायिक सदस्य की सिफारिश
  • क्या है जीएसटी अपीलेट ट्रिब्यूनल ?

रिटायर्ड जज के साथ दो न्यायिक सदस्य की सिफारिश

माल और सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (GSTAT) पर मंत्रीयों के समूह (जीओएम) की स्थापना पिछले साल जुलाई में हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की अध्यक्षता में की गई थी। पैनल के सुझाव के अनुसार ट्रिब्यूनल में अध्यक्ष के रूप में सुप्रीम कोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश के अलावा दो न्यायिक सदस्य और केंद्र और राज्यों के एक-एक तकनीकी सदस्य शामिल होने चाहिए। जीएसटी अपीलीय ट्रिब्यूनल की स्थापना पर जीओएम की रिपोर्ट को भाषा की मामूली संशोधन के साथ स्वीकार कर लिया गया है जिसे रविवार को राज्यों के साथ साझा किया जाएगा और उसके बाद ट्रिब्यूनल की स्थापना का अंतिम ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा। काउंसिल ने कहा कि अंतिम मसौदा में संशोधन कर राज्यों के वित्त मंत्रियों को उनकी टिप्पणियों के लिए भेजा जाएगा।

क्या है जीएसटी अपीलेट ट्रिब्यूनल ?

जीएसटी के तहत अपीलीय न्यायाधिकरण एक अर्ध-न्यायिक (quasi-judicial) बॉडी है जिसे जीएसटी कानूनों के कार्यान्वयन और व्याख्या के संबंध में व्यवसायों, व्यक्तियों और सरकार के बीच उत्पन्न होने वाले विवादों के समाधान के लिए एक मंच प्रदान करने के लिए स्थापित किया गया है।

ट्रिब्यूनल एक अपीलीय प्राधिकरण के रूप में कार्य करता है जो निचले अधिकारियों के निर्णयों और आदेशों के खिलाफ अपील सुनता है। जीएसटी के तहत, यदि कोई व्यक्ति किसी निचली अदालत द्वारा पारित निर्णय से संतुष्ट नहीं है, तो उच्च न्यायालय में अपील कर सकता है। इसके लिए पदानुक्रम (hierarchy) इस प्रकार है:

  1. निर्णायक प्राधिकरण (Adjudicating Authority)
  2. अपीलीय प्राधिकरण (Appellate Authority)
  3. अपील अधिकरण (Appellate Tribunal)
  4. हाईकोर्ट (High Court)
  5. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)

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