गुजरात के मोरबी में रविवार शाम करीब 6.30 बजे केबल सस्पेंशन ब्रिज टूटने से करीब 400 लोग मच्छु नदी में गिर गए। हादसे में 140 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। इनके शव मोरबी के सिविल हॉस्पिटल में पहुंचा दिए गए हैं। मरने वालों में 50 से ज्यादा बच्चे और महिलाएं हैं। 70 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। 100 लोगों की तलाश अभी भी जारी है
हादसे की वजह
ब्रिज की क्षमता करीब 100 लोगों की थी, लेकिन रविवार को छुट्टी होने के चलते इस पर करीब 500 लोग जमा थे। यही हादसे की वजह बना। मोरबी के भाजपा सांसद मोहन कुंडारिया ने बताया कि ब्रिज टूटने से जहां लोग गिरे, वहां 15 फीट तक पानी था। कुछ लोग तैरकर बाहर निकल आए, लेकिन कई लोग झूले पर अटके रहे। इन्हें बाहर निकाला जा रहा है।
नगर निगम स्वामित्व में है पूल
मंत्री जगदीश पांचाल ने मीडिय से बात करते हुए कहा कि यह पुल नगर निगम के स्वामित्व में है। निगम के अधिकारियों ने बताया कि ब्रिज की क्षमता करीब 100 लोगों की है, लेकिन रविवार की छुट्टी होने के चलते हादसे के वक्त ब्रिज पर 400 से 500 लोग जमा थे। इसी के चलते ब्रिज बीच से टूट गया।
140 साल से भी ज्यादा पुराना है ब्रीज
बता दें मोरबी का यह सस्पेंशन ब्रिज 140 साल से भी ज्यादा पुराना है और इसकी लंबाई करीब 765 फीट है। यह सस्पेंशन ब्रिज गुजरात के मोरबी ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए ऐतिहासिक धरोहर है। इस ब्रिज का उद्घाटन 20 फरवरी 1879 को मुंबई के गवर्नर रिचर्ड टेम्पल ने किया था। यह उस समय लगभग 3.5 लाख की लागत से बनकर तैयार हुआ था। उस समय इस पुल को बनाने का पूरा सामान इंग्लैंड से ही मंगाया गया था। इसके बाद इस पुल का कई बार रेनोवेशन किया जा चुका है। हाल ही में दिवाली से पहले इसके मरम्मत का काम 2 करोड़ की लागत से किया गया था।
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