India News (इंडिया न्यूज़), Gyanvapi: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ज्ञानवापी मस्जिद पर दिए बयान पर AIMIM प्रमुख और सांसद असदुद्दीन औवेसी ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जानते हैं कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ASI की रिपोर्ट पर निर्णय देने वाला है इसलिए उन्होंने इस तरह का बयान दिया। AIMIM प्रमुख ने कहा कि जिस जगह पर 400 साल से मस्जिद है आप उसे दबाना चाहते हैं। यह इनका सांप्रदायिकता की राजनीति है और उनका इस मामले में न्यायिक अतिरेक है।
क्या कहा सीएम योगी अदित्यनाथ ने
समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में ANI की एडिटर स्मिता प्रकाश की तरफ से ज्ञानवापी मस्जिद पर पुछे गए सवाल के जवाब में सीएम Yogi Adityanath ने कहा, “मुझे लगता है कि भगवान ने जिसको दृष्टि दी है वो देखे न त्रिशूल मस्जिद के अन्दर क्या कर रहा है, हमने तो नहीं रखे हैं न, ज्योतिर्लिंग है, देव प्रतिमाएं हैं।”
दीवारें बोल रही
उन्होंने आगे कहा, “पूरी दीवारे चिल्ला-चिल्लाकर क्या कह रही हैं और मुझे लगता है कि ये प्रस्ताव मुस्लिम समाज की ओर से आना चाहिए कि साहब ऐतिहासिक गलती हुई है और उस गलती के लिए हम चाहते हैं कि समाधान हो।”
दीवारें बोल रही
उन्होंने आगे कहा, “पूरी दीवारे चिल्ला-चिल्लाकर क्या कह रही हैं और मुझे लगता है कि ये प्रस्ताव मुस्लिम समाज की ओर से आना चाहिए कि साहब ऐतिहासिक गलती हुई है और उस गलती के लिए हम चाहते हैं कि समाधान हो।”
मामले में 3 अगस्त को हाई कोर्ट सुनाएगा फैसला
बता दें कि काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद का मामला इलाहाबाद उच्च न्यायालय में जारी है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ज्ञानवापी सर्वेक्षण मामले में सुनवाई के बाद अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया है। ऐसे में अदालत तीन अगस्त को निर्णय सुनाएगी।
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