India News (इंडिया न्यूज़), Hardik Patel, दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी नेता हार्दिक पटेल को 2015 में गुजरात में पाटीदार आंदोलन के दौरान उनके खिलाफ दर्ज दंगा, हिंसा और आगजनी के मामले में जमानत दे दी। मामले में पटेल को राहत देते हुए शीर्ष अदालत द्वारा पूर्व में दिए गए अंतरिम आदेश को न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने पक्का बना दिया था।

  • हार्दिक को दो साल की सजा हुई थी
  • 2015 में मामला दर्ज हुआ था
  • सजा होने समय वह कांग्रेस में थे

पाटीदार समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर पाटीदार आंदोलन गुजरात में हुआ था। सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी 2020 में पटेल को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण दिया था। तब हार्दिक पटेल कांग्रेस पार्टी के नेता थे। पटेल ने 2015 के मामले में अग्रिम जमानत से इनकार करने के गुजरात उच्च न्यायालय के एक फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

दो साल कैद की सजा

हार्दिक पटेल को शुरू में मेहसाणा की एक निचली अदालत ने दोषी ठहराया था और दो साल की कैद की सजा सुनाई थी। उन्होंने अपनी सजा को निलंबित करने की मांग करते हुए गुजरात उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था ताकि वह 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ सकें। हालांकि, इस दलील को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था।

इसके बाद उन्होंने इस आदेश के खिलाफ अपील में उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिसने पिछले साल अप्रैल में दोषसिद्धि पर रोक लगा दी थी। मामले को हार्दिक भरतभाई पटेल बनाम गुजरात राज्य के नाम से जाना गया।

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