India News (इंडिया न्यूज़),Hathras Hadsa: उत्तर प्रदेश के हाथरस में आयोजित सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 116 लोगों की मौत हो गई है और कई अन्य घायल हो गए हैं। भारत में मंदिरों और अन्य धार्मिक आयोजनों के दौरान मची भगदड़ में बड़ी संख्या में लोगों के मारे जाने की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी कई बार इसी तरह भगदड़ का शिकार होकर लोगों की जान जा चुकी है। पिछले कुछ सालों के आंकड़ों पर गौर करें तो इन धार्मिक स्थलों पर मची भगदड़ में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है।
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- 2005 में महाराष्ट्र के मंधारदेवी मंदिर में मची भगदड़ में 340 श्रद्धालुओं की मौत और 2008 में राजस्थान के चामुंडा देवी मंदिर में मची भगदड़ में कम से कम 250 लोगों की मौत ऐसी ही कुछ बड़ी घटनाएं हैं।
- 2008 में हिमाचल प्रदेश के नैना देवी मंदिर में धार्मिक आयोजन के दौरान मची भगदड़ में 162 लोगों की जान चली गई थी। हाल के सालों में देश में मंदिरों और धार्मिक आयोजनों के दौरान मची भगदड़ की कुछ प्रमुख घटनाएं इस प्रकार हैं।
- 31 मार्च 2023: इंदौर शहर के एक मंदिर में रामनवमी के अवसर पर आयोजित हवन कार्यक्रम के दौरान एक प्राचीन बावड़ी पर बनी स्लैब ढह जाने से कम से कम 36 लोगों की मौत हो गई।
- 1 जनवरी 2022: जम्मू-कश्मीर के प्रसिद्ध माता वैष्णो देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण मची भगदड़ में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई और एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए।
- 14 जुलाई 2015: आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी जिले में ‘पुष्करम’ त्योहार के पहले दिन गोदावरी नदी के तट पर एक प्रमुख स्नान स्थल पर मची भगदड़ में 27 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई और 20 अन्य घायल हो गए।
- 3 अक्टूबर 2014: दशहरा समारोह समाप्त होने के तुरंत बाद पटना के गांधी मैदान में मची भगदड़ में 32 लोगों की मौत हो गई और 26 अन्य घायल हो गए।
- 13 अक्टूबर 2013: मध्य प्रदेश के दतिया जिले में रतनगढ़ मंदिर के पास नवरात्रि समारोह के दौरान मची भगदड़ में 115 लोग मारे गए और 100 से ज़्यादा घायल हो गए। भगदड़ की शुरुआत एक नदी पर बने पुल के ढहने की अफ़वाहों के कारण हुई, जिसे श्रद्धालु पार कर रहे थे।
- 19 नवंबर 2012: पटना में गंगा नदी के किनारे अदालत घाट पर छठ पूजा समारोह के दौरान एक अस्थायी पुल के ढहने के बाद मची भगदड़ में लगभग 20 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए।
- 8 नवंबर 2011: हरिद्वार में गंगा नदी के किनारे हर की पौड़ी घाट पर मची भगदड़ में कम से कम 20 लोग मारे गए और 40 से ज़्यादा घायल हो गए।
- 14 जनवरी 2011: केरल के इडुक्की जिले के पुलमेडु में सबरीमाला मंदिर से लौट रहे तीर्थयात्रियों से एक जीप की टक्कर के बाद मची भगदड़ में कम से कम 104 श्रद्धालु मारे गए और 40 से ज़्यादा घायल हो गए। 4 मार्च 2010: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में कृपालु महाराज के राम जानकी मंदिर में मची भगदड़ में करीब 63 लोगों की मौत हो गई। लोग स्वयंभू धार्मिक नेता द्वारा दान किए जा रहे कपड़े और भोजन लेने आए थे।
- 30 सितंबर 2008: राजस्थान के जोधपुर शहर में चामुंडा देवी मंदिर में बम विस्फोट की अफवाह के कारण मची भगदड़ में करीब 250 श्रद्धालु मारे गए और 60 से अधिक घायल हो गए।
- 3 अगस्त 2008: हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में नैना देवी मंदिर में चट्टान खिसकने की अफवाह के कारण मची भगदड़ में 162 लोगों की मौत हो गई और 47 घायल हो गए।
- 25 जनवरी 2005: महाराष्ट्र के सतारा जिले में मंधार देवी मंदिर की वार्षिक तीर्थयात्रा के दौरान 340 से अधिक श्रद्धालु कुचलकर मारे गए और सैकड़ों घायल हो गए। यह दुर्घटना तब हुई जब कुछ लोग फिसलन भरी सीढ़ियों पर गिर गए।
- 27 अगस्त 2003: महाराष्ट्र के नासिक जिले में सिंहस्थ कुंभ मेले में पवित्र स्नान के दौरान मची भगदड़ में 39 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 140 लोग घायल हो गए थे।
हाथरस की घटना से पूरी दुनिया स्तब्ध है। देश-विदेश से लोगों ने अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक कमेटी बनाई है। बुधवार को वह खुद हाथरस जाकर पीड़ितों से मिलेंगे। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ऐसी घटनाएं क्यों होती हैं।
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