इंडिया न्यूज़ (India News), Hathras Stampede: हाथरस भगदड़ की घटना में करीब 121 लोगों की जान चली गई और 31 लोग घायल हुए हैं। मामले पर पूर्व सीएम और सपा सांसद अखिलेश यादव का बयान सामने आया है। अखिलेश ने कहा, ‘यह बेहद दुखद है। जिन परिवारों के सदस्यों की जान गई है, उन्हें दुख सहने की शक्ति मिले। जो हादसा हुआ है, वह सरकार की लापरवाही है। ऐसा नहीं है कि सरकार को इस कार्यक्रम की जानकारी नहीं है।’
BJP सरकार को ठहराया जिम्मेदार
अखिलेश ने कहा, ‘जब भी ऐसे कार्यक्रम होते हैं, तो उसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं। इस लापरवाही के कारण जो जान गई, उसके लिए सरकार जिम्मेदार है। अगर कोई अस्पताल पहुंच भी गया, तो उसे पर्याप्त इलाज नहीं मिल पाया। न ऑक्सीजन, न दवा, न ही इलाज मिल पाया। इसके लिए भाजपा जिम्मेदार है, जो बड़े-बड़े दावे करती है कि हम विश्वगुरु बन गए हैं। क्या अर्थव्यवस्था का मतलब यह है कि आप आपातकालीन स्थिति में लोगों का इलाज नहीं कर सकते?’
सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया प्रेस कॉन्फ्रेंस
हाथरस भगदड़ की घटना पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि करीब 121 लोगों की जान चली गई और 31 लोग घायल हुए हैं। उन्होंने कहा, “सभी (घायल) खतरे से बाहर हैं।”
न्यायिक जांच का किया वादा
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भगदड़ की घटना की जांच एक विशेष जांच दल (SIT) करेगा। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने हाथरस में भगदड़ की घटना की न्यायिक जांच का वादा किया है, उन्होंने कहा कि इसकी अध्यक्षता हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज करेंगे। सीएम ने कहा, “शाम तक इसकी अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।”
घटना को छिपाने की कोशिश
घटना पर बोलते हुए यूपी के सीएम ने कहा कि”जब घटना हुई, तो धार्मिक आयोजन के आयोजक भाग गए। उन्होंने घटना को छिपाने की भी कोशिश की।”
घायलों का इलाज चल रहा है इलाज
“हमारी प्राथमिकता बचाव और ऑपरेशन पर ध्यान केंद्रित करना था। कुल 121 श्रद्धालुओं की जान गई है। वे यूपी, हरियाणा, एमपी और राजस्थान से थे। 121 मृतकों में से 6 दूसरे राज्यों के थे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, 31 घायलों का इलाज चल रहा है और लगभग सभी खतरे से बाहर हैं।
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि “मैंने कई प्रत्यक्षदर्शियों से बातचीत की उन्होंने मुझे बताया कि यह घटना कार्यक्रम समाप्त होने के बाद हुई जब सत्संग के प्रचारक मंच से नीचे आ रहे थे, अचानक कई महिलाएं उन्हें छूने के लिए उनकी ओर बढ़ने लगीं और जब ‘सेवादारों’ ने उन्हें रोका, जिसके कारण यह दुर्घटना हुई। प्रशासन को ‘सेवादारों’ ने अंदर प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी” ।
SIT का गठन
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि “हमने एडीजी आगरा के नेतृत्व में एक एसआईटी का गठन किया है। इसने एक प्रारंभिक रिपोर्ट प्रस्तुत की है। उन्हें इसकी गहराई से जांच करने के लिए कहा गया है। ऐसे कई कोण हैं जिनकी जांच की जानी चाहिए, राज्य सरकार ने एक न्यायिक जांच का भी फैसला किया है जिसका नेतृत्व एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश करेंगे। प्रशासन और पुलिस के सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी भी इसका हिस्सा होंगे” ।