India News ( India News ) Breast Cancer : ब्रैस्ट कैंसर एक ऐसी स्थिति है जब कुछ जींस में बदलाव की वजह से ब्रैस्ट सेल्स अलग अलग होने लगती हैं और बिना नियंत्रण के फैलने लगती हैं। आमतौर पर कैंसर ब्रैस्ट फीडिंग करने वाली ग्लैंड लोबुल्स और डक्ट्स में कैंसर बनता है, जो दूध को ग्रंथियों से निपल तक ले जाती हैं। ब्रैस्ट के फैटी और फिब्रोस कनेक्टिव टिश्यू भी कैंसर सेल्स के लिए हॉटस्पॉट हो सकते हैं। कुछ मामलों में कैंसर सेल्स आपकी बांहों के नीचे लिम्फ नोड्स तक भी पहुंच सकती हैं और शरीर के अलग -अलग हिस्सों में फैल सकती हैं। इसलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं ब्रैस्ट कैंसर के लक्ष्मण, जिसके कारण आप इस बीमारी की चपेट में आते हैं।
कुछ लोगों में यह बीमारी जेनेटिक भी होती है , यानी परिवार में कभी माँ ,दादी , या परदादी को रही हो जिसके कारण वह नई पीढ़ी में भी आ सकती है। इन (बीआरसीए1 या बीआरसीए2)इन्फेवशन के कारण ब्रैस्ट कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
सबसे पहले पीरियड या देर से पीरियड का होना या हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी के माध्यम से एस्ट्रोजन के ज्यादा लंबे टाइम तक संपर्क से जोखिम बढ़ जाता।
ब्रैस्ट पर पहले कभी रेडिएशन थेरेपी हुई हो जैसे कि हॉजकिन लिंफोमा ब्रैस्ट कैंसर होने के खतरे को बढ़ाती है। उदाहरण के लिए: अगर किसी ने 20 साल की उम्र में हॉजकिन लिंफोमा के लिए रेडिएशन थेरेपी ली थी तो यह उन लोगों के लिए बहुत खतरे की बात है और उन्हें जरुरत से ज्यादा सेंसिटिव बना देगा
ब्रैस्ट कैंसर का खतरा उम्र के साथ बढ़ता ही जाता है , खासकर की पीरियड(menopause)बंद होने के बाद।
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