India News ( इंडिया न्यूज़ ) Health Tips : हमारा खानपान हमारे सेहत के लिए कितना जरूरी होता है यह तो आप सबको पता ही है लेकिन क्या खाना चाहिए वह ज्यादा जरूरी होता है। हमारे यहां सदियों से मोटे अनाज की खेती व खानपान की परंपरा रही है। मोटे अनाज के रूप में ज्वार, बाजरा, जौ, रागी (मडवा), मक्का, कांगनी शामिल है। इनके उत्पादन में पानी, उर्वरक आदि की अधिक आवश्यकता नहीं पड़ती, इसलिए इन्हें मोटा अनाज कहते हैं। इन्हें अधिक देखभाल की जरूरत भी नहीं रहती। कम उपजाऊ भूमि व बरसाती पानी की निर्भरता पर भी इन्हें आसानी से उगाया जा सकता है। इनमें कृत्रिम खाद (यूरिया व पेस्टिसाइड्स) नहीं डालने पड़ते हैं। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं गर्मी के मौसम में किन फूड का सेवन करना चाहिए।

पोषक तत्त्वों की भरमार

जिंक, मैग्नीशियम, मैगनीज, फास्फोरस आदि माइक्रोन्यूट्रिएंट्स एवं एंटी-ऑक्सीडेंट्स अच्छी मात्रा में होते हैं। ये सभी तत्त्व शरीर के लिए आवश्यक है। मोटे अनाजों से इनकी पूर्ति हो जाती है।

जीवनशैली संबंधी रोगों से बचाव में उपयोगी

इतने गुणों के साथ मोटे अनाज वर्तमान में होने वाले जीवनशैली से संबंधित रोगों से बचाव के लिए भी उपयोगी हैं। मोटापा, हृदय रोग, कॉलेस्ट्रोल बढऩा, मधुमेह जैसे रोग नहीं होते, क्योंकि मोटे अनाज का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है और वसा की मात्रा शून्य या बहुत ही नगण्य होती है। कई अन्य बीमारियों से बचाव होता है।

खुद तैयार करवाएं तो ज्यादा अच्छा

यह मल्टीग्रेन आटे के रूप में बाजार में मिलता है। लेकिन कोशिश करें कि अपनी जरूरत के अनुसार इसको तैयार भी करवा सकते हैं। गर्मी के दिनों में इनमें रागी और कोदो भी मिलवा लें। इनकी प्रकृति गर्मी के अनुसार हो जाएगी।

आधा समय-आधा पानी

गेंहू व धान की अपेक्षा इनमें आधा समय व आधा पानी लगता है। मोटे अनाज 70-100 दिन में तो गेहूं-चावल 120-150 दिन में तैयार होते हैं। मोटे अनाज को 350-500 मिमी तो गेहूं-चावल को 600-1,200 मिमी पानी की जरूरत होती है।

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