सर्दियों में बीमारियों से दूर रहना है तो तांबे के लोटे में रखा पानी आप भी रोजाना खाली पेट पिएं तांबे के बर्तन में पानी जमा करना पानी को शुद्ध करने की एक प्राचीन प्रथा है आयुर्वेद इस बात को स्वीकार करता है कि रात भर तांबे के जग में पानी भरकर सुबह सबसे पहले पीने से वास्तव में अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद मिलती है तांबे में प्राण शक्ति नामक विद्युत चुम्बकीय ऊर्जा होती है, जो पानी को आयनिक बनाती है और शरीर के पीएच संतुलन को बनाए रखती है।
तांबे में पाए जाते है ये गुण
कॉपर को एंटीमाइक्रोबियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-कार्सिनोजेनिक और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के लिए जाना जाता है यह हीमोग्लोबिन के निर्माण के साथ-साथ कोशिका पुनर्जनन में मदद करता है और दुर्भाग्य से, मानव शरीर तांबे की ट्रेस मात्रा का निर्माण नहीं कर सकता है जिसे हेल्‍दी रूप से कार्य करने की आवश्यकता होती है, इसलिए तांबे को भोजन या पानी के माध्यम से हमारे सेवन का एक हिस्सा होना चाहिए, लेकिन तांबे की उपस्थिति से मानव शरीर को कई अन्य तरीकों से लाभ होता है।
ये लाभ प्रदान कराता है तांबे का पानी-
वेट लॉस में मदद करता है।
थायरॉयड ग्‍लैंड के कामकाज को नियंत्रित करता है।

त्वचा के स्वास्थ्य और मेलेनिन उत्पादन को बढ़ाता है।

एंटीमाइक्रोबियल- इंफेक्‍शन से लड़ता है।

डाइजेशन में सुधार करता है।

उम्र बढ़ने को धीमा करता है।

घावों को तेजी से भरने में मदद करता है।

दिल के लिए अच्छा- हाई ब्‍लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल में मदद करता है।

अर्थराइटिस और सूजन वाले जोड़ों में फायदेमंद।

एनीमिया को दूर करता है- कॉपर शरीर में आयरन के अवशोषण में सहायता करता है, जो एनीमिया से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।