आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में हम सभी के जीवन में अल्ट्राप्रोसेस्ड फूड इतनी तेजी से बढ़ रहा है जैसे वंदे भारत शहरों की भागती-दौड़ती जिंदगी में लोगों के पास खाना बनाने का वक्त नहीं होता है। ऐसे में ताजा और पारंपरिक खाद्य पदार्थों की जगह लोग पैकेटबंद भोजन को अपना लेते है। जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ता है। अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड जैसे हाट डाग, चिप्स, सोडा और आइसक्रीम आदि के लगातार सेवन से मोटापा और हाई कोलेस्ट्राल से भी गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

किसे कहते हैं अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड?

रिसर्च के मुताबिक अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड ऐसे खाद्य पदार्थ होते हैं जिनमें कई प्रकार की सामग्रियां मिलाई जाती हैं। ये कई तरह के औद्घोगिक क्रियाओं से गुज़रकर मार्केट में आते हैं। फैट, ऑयल, नमक और चीनी इन फूड्स में तो नहीं मिलते लेकिन स्वाद, रंग, मीठा करने वाली चीजें और रासायनिक चीजें खूब भर-भर कर मिलाई जाती है।

दिमाग के लिए हानिकारक

अल्ट्राप्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ हमारे दिमाग के काफी हानिकारक है जो सीधे हमारे निर्णय लेने की क्षमता पर असर डालता है। रिसर्च के मुताबिक अल्ट्राप्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ आहार की गुणवत्ता को भी नीचे गिरा देता है जिससे उससे मिलने वाला पोषण भी अपने निम्न स्तर पर चले जाता है। कुछ प्रतिभागियों में ये भी देखने को मिला कि अल्ट्राप्रोसेस्ड फूड के साथ उच्च गुणवत्ता का आहार लेने पर मस्तिष्क पर पड़ने वाला प्रभाव कम हो गया।

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