INDIA NEWS (इंडिया न्यूज़) इंदौर, मध्यप्रदेश: मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ कोर्ट संघ के द्वितीय सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर पर इंटरनेट पर की गई टिप्पणी मामले में गुरूवार को इंदौर कोर्ट में सुनवाई हुई है। सुनवाई पूरी होने बाद भी कोर्ट ने इसका फैसला अभी सुरक्षित रखा है।

  • दिग्विजय सिंह पर FIR हाई कोर्ट याचिका
  • संघ पूर्व सरसंघचालक पर टिप्पणी पोस्ट मामले में दिग्विजय सिंह पर दर्ज कराई गई FIR
  • दिग्विजय सिंह ने FIR के खिलाफ हाईकोर्ट की ली शरण
  • सुनवाई हुई पूरी फैसला अभी सुरक्षित 

जानिए क्या है पूरा मामला

इंदौर हाई कोर्ट में दिग्विजय सिंह की ओर से एक याचिका लगाई गई थी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक के द्वितीय सरसंघचालक रहे माधव सदाशिव राव गोलवलकर के खिलाफ पोस्ट करने के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर इंदौर सहित अन्य जिलों में भी एफआईआर दर्ज की गई थी। जिसकी सुनवाई आज पूरी हुई, लेकिन फैसला आना अभी बाकी है। दिग्विजय सिंह की ओर से उनके वकील रविंद्र छाबड़ा ने बताया है कि इस मामले में याचिका लगाई गई थी। जिस पर आज बहस हुई।

एडवोकेट रविंद्र छाबड़ा ने कहा निरस्त कि जाए अन्य जिलों की FIR

हाई कोर्ट के सीनियर एडवोकेट रविंद्र छाबड़ा ने कहा कि अपराध अगर एक ही है तो फिर अलग-अलग जगह FIR क्यों की गई हैं। इंदौर में हुई एफआईआर को छोड़कर, बाकी जगह जिलों में हुई एफआईआर को अवैध मानकर निरस्त किया जाए। हांलाकि कोर्ट में आज इस पर सुनवाई हुई है। इस मामले में अभी कोई फैसला नहीं सुनाया गया है। अभी फैसले को सुरक्षित रखा गया है।

दिग्विजय सिंह का आपत्तिजनक ट्वीट

एम.पी के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पोस्ट करते हुए कहा था कि, ‘सदाशिव राव गोलवलकर ने अपनी पुस्तक ‘वी एंड अवर नेशनहुड आईडेंटिफाइड’ में स्पष्ट लिखा है। जब भी सत्ता हाथ लगे तो सबसे पहले सरकार की धन संपत्ति, राज्यों की जमीन और जंगल पर अपने दो तीन विश्वसनीय धनी लोगों को सौंप दें। 95% जनता को भिखारी बना दें उसके बाद सात जन्मों तक सत्ता हाथ से नहीं जाएगी।’

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