India News (इंडिया न्यूज), Highways In India: भारत सरकार ने देश में 8 नए हाई स्पीड रोड कॉरिडोर के निर्माण को मंजूरी दे दी है। इन कॉरिडोर पर सरकार 50 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च करेगी। देश के अलग-अलग हिस्सों में बनने वाली ये सड़कें न सिर्फ लोगों का समय बचाएंगी, बल्कि कई शहरों की दूरी भी कम करेंगी। इन नए कॉरिडोर से आगरा-ग्वालियर, कानपुर-लखनऊ, खड़गपुर-मुंबई, रायपुर-रांची, अहमदाबाद, पुणे, नासिक, अयोध्या और गुवाहाटी को फायदा होगा।
8 परियोजनाओं पर खर्च होंगे इतने हजार करोड़ रुपये
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने शुक्रवार (2 अगस्त) को इन 8 कॉरिडोर के निर्माण को मंजूरी दे दी। इन हाई स्पीड कॉरिडोर की कुल लंबाई 936 किलोमीटर होगी। इनके निर्माण पर 50,655 करोड़ रुपये खर्च होंगे। सरकार का दावा है कि इन सड़क परियोजनाओं से 4.42 करोड़ दिनों के बराबर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार भी पैदा होगा। पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा कि भारत के बुनियादी ढांचे के परिदृश्य में परिवर्तनकारी बढ़ावा! 50,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 8 राष्ट्रीय हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर परियोजनाओं को कैबिनेट की मंजूरी से हमारे आर्थिक विकास पर कई गुना प्रभाव पड़ेगा और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा मिलेगा। यह भविष्यवादी और जुड़े हुए भारत के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करता है।
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आगरा-ग्वालियर नेशनल हाई-स्पीड कॉरिडोर
यह एक्सेस कंट्रोल ग्रीनफील्ड कॉरिडोर 88 किलोमीटर लंबा और 6 लेन का होगा। इसे बिल्ट ऑपरेट ट्रांसफर मॉडल पर बनाया जाएगा। इस सड़क के निर्माण की अनुमानित लागत 4,613 करोड़ रुपये रखी गई है। श्रीनगर से कन्याकुमारी हाईवे पर इन दोनों शहरों के बीच बना नेशनल हाईवे इस समय काफी भीड़भाड़ से जूझ रहा है। इस वजह से इस नए प्रोजेक्ट से आगरा और ग्वालियर के बीच की दूरी करीब 7 फीसदी और यात्रा का समय करीब 50 फीसदी कम हो जाएगा।
खड़गपुर-मोरग्राम नेशनल हाई-स्पीड कॉरिडोर
यह 4 लेन एक्सेस कंट्रोल कॉरिडोर 231 किलोमीटर लंबा और 10,247 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा। इसके निर्माण से खड़गपुर से मोरग्राम हाईवे की क्षमता 5 गुना बढ़ जाएगी। यह हाई स्पीड कॉरिडोर पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के बीच कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा। अभी इस दूरी को तय करने में 9 से 10 घंटे लगते हैं। इसके निर्माण के बाद यह समय सिर्फ 3 से 5 घंटे का लगेगा।
थराड-डीसा-मेहसाणा-अहमदाबाद नेशनल हाई-स्पीड कॉरिडोर
यह एक्सेस कंट्रोल कॉरिडोर 214 किलोमीटर लंबा और 6 लेन का होगा। वहीं यह 10,534 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा। इसके बनने से अमृतसर-जामनगर कॉरिडोर और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को लिंक मिल जाएगा। साथ ही गुजरात, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और महाराष्ट्र के बीच कनेक्टिविटी मजबूत होगी। इस हाई स्पीड कॉरिडोर से थराड और अहमदाबाद के बीच की दूरी 20 फीसदी और यात्रा का समय 60 फीसदी कम हो जाएगा। इससे इन राज्यों के बीच व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
अयोध्या रिंग रोड
यह 4 लेन वाला एक्सेस कंट्रोल रिंग रोड 68 किलोमीटर लंबा और 3,935 करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार होगा। यह भगवान श्री राम की नगरी को कई हाईवे से जोड़ेगा। यह कॉरिडोर राम मंदिर के दर्शन के लिए आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए वरदान साबित होगा। यह लखनऊ और अयोध्या के एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशनों को भी कनेक्टिविटी देगा।
रायपुर-रांची नेशनल हाई स्पीड कॉरिडोर
यह 4 लेन एक्सेस कंट्रोल कॉरिडोर 137 किलोमीटर लंबा होगा। इसे पत्थलगांव और गुमला के बीच 4,473 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा। यह कॉरिडोर खनन और विनिर्माण क्षेत्रों के बीच कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।
कानपुर रिंग रोड
यह 6 लेन एक्सेस कंट्रोल रिंग रोड 47 किलोमीटर लंबा और 3,298 करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार होगा। यह कॉरिडोर पूरब का मैनचेस्टर कहे जाने वाले औद्योगिक शहर कानपुर को ट्रैफिक जाम से मुक्ति दिलाएगा। यह कई एक्सप्रेसवे और हाईवे को भी जोड़ेगा। इससे उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, झारखंड और पश्चिम बंगाल के बीच माल परिवहन में भी तेजी आएगी।
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गुवाहाटी रिंग रोड और बाईपास
यह 4 लेन एक्सेस कंट्रोल प्रोजेक्ट 21 किलोमीटर लंबा और 5,729 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होगा। ब्रह्मपुत्र नदी पर एक नया पुल भी बनाया जाएगा। यह प्रोजेक्ट पूर्वोत्तर राज्यों के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
नासिक-पुणे कॉरिडोर
बता दें कि, नासिक फाटा और पुणे के खेड़ के बीच बनने वाला यह 30 किलोमीटर लंबा 8 लेन वाला एलिवेटेड हाई स्पीड कॉरिडोर 7,827 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा। यह सड़क इन दोनों शहरों के बीच स्थित औद्योगिक केंद्रों को जोड़ेगी। इससे पिंपरी चिंचवाड़ के पास लगने वाले भयंकर ट्रैफिक जाम से भी निजात मिलेगी।
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