Hijab Controversy
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
Hijab Controversy: कर्नाटक में हिजाब विवाद दिनोंदिन तूल पकड़ रहा है। हिजाब वाली छात्राओं को कॉलेज में प्रवेश नहीं देने और घर वापस भेजने को पर एक जूनियर कॉलेज प्रिंसिपल को जान से मारने की धमकी मिली। मदिकेरी जिला पुलिस ने इस मामले में प्रिंसिपल विजय की शिकायत पर मोहम्मद तौसीफ नामक युवक के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच भी शुरू कर दी है।
छात्राओं के प्रदर्शन करने पर 10 पर एफआईआर Hijab Controversy
पुलिस और प्रशासन ने हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश और प्रशासनिक समझाइश के बावजूद धरना-प्रदर्शन करने माहौल खराब करने वालों पर भी सख्ती शुरू कर दी है। तुमकुर में गुरुवार को प्रदर्शन में शामिल 10 छात्राओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। वहीं, शिवमोग्गा जिले में एक प्री यूनिवर्सिटी कॉलेज की 58 छात्राओं को विरोध-प्रदर्शन करने के कारण निलंबित कर दिया गया है।
छात्राओं ने रोक के बावजूद किया था प्रदर्शन
हिजाब विवाद को लेकर कर्नाटक उच्च न्यायालय में सुनवाई अभी लंबित है और अंतरिम आदेश के अनुसार, कक्षाओं में छात्र-छात्राओं के हिजाब, बुर्का और भगवा गमछे आदि पहनने पर रोक लगी है। इसके बावजूद कई छात्राएं लगातार हिजाब पहनने पर अड़ी हुई हैं। गुरुवार को भी जब छात्राओं को हाईकोर्ट के आदेशानुसार हिजाब नहीं उतारने पर कक्षाओं में प्रवेश नहीं दिया गया तो छात्राएं प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज के बाहर ही धरने पर बैठ गई।
हिजाब इस्लाम में अनिवार्य नहीं
कर्नाटक उच्च न्यायालय में शुक्रवार को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने दलील दी कि हिजाब इस्लाम की आवश्यक धार्मिक प्रथा यानी अनिवार्य नहीं है। इसके उपयोग को रोकना भारतीय संविधान के अनुच्छेद-25, जोकि धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है, का उल्लंघन नहीं करता है। वहीं, मुस्लिम लड़कियों की ओर से पेश वकील विनोद कुलकर्णी ने याचिका में कहा है कि हिजाब पर प्रतिबंध पवित्र कुरान पर प्रतिबंध लगाने जैसा है।
अल्पसंख्यक विभाग ने जारी किया था सर्कुलर
कर्नाटक उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए स्कूल-कॉलेज के अधिकारी परिसर में प्रवेश देने से पहले ही सभी छात्र-छात्राओं से हिजाब, बुर्का और भगवा गमछे आदि उतरवा रहे हैं। शिक्षक भी दायरे में शामिल हैं। हाईकोर्ट का अंतरिम आदेश तब तक प्रभावी रहेगा जब तक अदालत हिजाब प्रतिबंध के खिलाफ दायर याचिकाओं पर अपना अंतिम फैसला नहीं सुनाती है। 17 फरवरी को राज्य अल्पसख्ंयक कल्याण विभाग की ओर से भी हिजाब सहित अन्य धार्मिक वस्त्रों और प्रतीक चिह्नों को कक्षाओं में पहनने पर रोक लगा दी गई थी।
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