India News (इंडिया न्यूज़), Himachal: हिमाचल में मॉनसुनी बारिश ने लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। प्रदेश में बीते कुछ दिनों से लगातार बारिश से व्यास नदी अपने उफान में आ गई, जिसके बाद मंड़ी, कुल्ली जैसे जिलों में रहने वाले लोगों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ा। इसके अलावा कई सैलानी और स्थानिय लोग भी बाढ़ में फंस गए। वहीं, बारिश की वजह से लैंडस्लाइड और दुर्घटनाओं से लगभग 90 लोगों ने अपनी जान गवा दी। वहीं अचानक आई बाढ़ की वजह से प्रदेश के कई पर्यटक स्थलों में लोगों फंसे हुए।
हमने 75,000 पर्यटकों में से 67,000 पर्यटकों को बचाया है- सीएम सुक्खू
इस बारें में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, “हमने 75,000 पर्यटकों में से 67,000 पर्यटकों को बचाया है। 90% पर्यटकों को अब तक बचा लिया गया है। बाकी पर्यटक कसोल और तीर्थन घाटी में फंसे हुए हैं लेकिन सभी सुरक्षित हैं। बता दें कि प्रदेश के कई जिलें अभी में बाढ़ प्रभावित हैं। हालात में काबू पाने के लिए NDRF और SDRF की टीम लगातार काम कर रही है।
180 करोड़ का आपदा राहत कोष जारी किया- जेपी नड्डा
वहीं प्रदेश में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम जयराम ठाकुर के साथ हिमाचल प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने पहुंचे। उन्होंने बाढ़ ग्रस्त लोगों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा,” हिमाचल प्रदेश में आए आपदा, उससे हुए नुकसान को देखने और राहत कार्य को समझने एवं बसाव कार्य पर चर्चा करने के लिए मैं प्रशासन के साथ आया हूं…प्रकृति का बहुत ही विकराल रूप देखने को मिला है। जिस दिन ये आपदा आई उसी दिन प्रधानमंत्री ने राहत कार्य के लिए जरूरी आर्थिक मदद के बारे में हिमाचल के मुख्यमंत्री से बात की। गृह मंत्री ने प्रधानमंत्री के कहने के अनुसार तुरंत 180 करोड़ का आपदा राहत कोष जारी किया… जो भी आर्थिक मदद की जरूरत है वो दी जाएगी।
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