India News (इंडिया न्यूज़),Himachal Pradesh: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि उद्घाटन और शिलान्यास पट्टिका पर केवल चुने हुए और सरकारी ओहदे पर नियुक्त व्यक्ति के ही नाम अंकित होंगे। इसमें ऐसे किसी भी नेता का नाम इसमें अंकित नहीं होगा, जो पूर्व विधायक हो और जो किसी सरकारी पद पर न हो।
बीजेपी के सदस्य पूर्ण चंद ठाकुर के सवाल के जवाब में सीएम ने कहा कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा और अगर ऐसा हुआ कि पूर्व विधायक का नाम पट्टिका पर अंकित है, तब उनका पता किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि यदि पूर्व विधायक के नाम ऐसे ही पट्टिकाओं पर लगते रहें तो इससे गलत परंपरा शुरू हो जाएगी हालांकि इसे रोका जाएगा।
पूर्ण ठाकुर ने उनके विधानसभा हलके में हारे हुए नेताओं के नाम उद्घाटन और शिलान्यास पट्टिकाओं पर लगाने पर नाराजगी जताया और कहा कि ऐसा किस नियमों पर किया गया है और किसके आदेश से किया गया है। वहीं, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और विधायक राकेश जम्वाल ने भी एक ही जैसा सवाल किया।
जयराम ठाकुर ने पूछा कि सरकारी पद किसे मानते हैं और किसे नहीं, इसको स्पष्ट किया जाए। उन्होंने मुख्यमंत्री आवास में लगी उद्घाटन पट्टिका को हटाने का भी मामला उठाया और लिफ्ट में लगी पट्टिका को हटाने का भी मामला उठाया। ऐसे में मुख्यमंत्री को शुरूआत खुद से करनी होगी और लिखित रूप से देना होगा। उन्होंने बगस्याड़ स्कूल के वार्षिक समारोह में उन्हें बतौर मुख्यातिथि बुलाया था और इस कार्यक्रम के तीन दिन बाद ही उस स्कूल से सारे शिक्षकों के तबादले कर दिए गए थे। उन्होंने यह भी जानना चाहा कि सरकारी कार्यभार के तहत किसे मानते हैं।
जयराम ठाकुर के प्रतिपूरक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने ओकओवर में लगी कोई न पट्टिका हटाई है और यदि हटाई गई है तो उसे दोबारा लगाया जाएगा। ये किसने हटाई है तो उसका भी पता लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि ओकओवर में जो सुरक्षा कर्मी जयराम ठाकुर के समय में थे, वे भी नहीं हटाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से मानदेय और वेतन लेने वाले जनप्रतिनिधि की पट्टिका लगाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में नीचे तक आदेश दिए जाएंगे और यदि कोई विरोध करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पट्टिका नहीं हटाती, बल्कि वह तो लोगों के दिलों में पट्टिका लगाने में विश्वास रखती है।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि मीटर की खरीद जारी है और टेंडर हो चुके हैं, एक सप्ताह में सभी डिविजनों में बिजली के मीटर पहुंच जाएंगे। साथ ही यह भी कहा कि बिजली की कोई चोरी नहीं हो रही है। राज्य में 17.50 लाख बिजली के मीटर ऐसे लगे हैं जिनके बिल जीरो आते हैं।
विधायक राजेंद्र राणा, डॉ. जनक राज और विनोद कुमार के संयुक्त सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि 2021 के बाद राज्य में बिजली के मीटर 29 लाख हो चुके हैं और राज्य में 20 लाख परिवार हैं। उन्होंने कहा कि स्टाफ की कमी को दूर किया जाएगा और बोर्ड में छह हजार पदों को भरा जा रहा है। आने वाले वक्त में आउटसोर्स व मल्टीपर्पज वर्करों की भर्ती भी की जाएगी। और यह भी कहा कि कठिन भौगोलिक परिस्थिति वाले स्थानों में ट्रांसफार्मर को पहले प्राथमिकता पर उपलब्ध कराया जाएगा। और बिजली के ट्रांसफार्मर कब तक खरीदे जाएंगे, भारत सरकार द्वारा 3701 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट हिमाचल को स्वीकृत किया गया था।
जिसके तहत स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इसकी टेंडर प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
इससे पहले, राजेंद्र राणा ने कहा कि बिजली के खंभों, सर्विस वायर और मीटरों की कमी राज्यभर में है और इस कमी को कब तक पूरा किया जाएगा। उन्होंने बोर्ड में स्टाफ की कमी को भी दूर करने की मांग की। वहीं, विनोद कुमार ने सवाल किया कि उनके निर्वाचन हलके में नए कनेक्शन लेने के लिए न खंभे हैं और मीटर है और न ही सर्विस वायर है। सर्विस वायर के लिए भी उपभोक्ताओं को कहा जाता है। उधर, डॉ. जनक राज, डॉ. हंसराज और सुखराम चौधरी ने भी अनुपूरक सवाल किया।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि हिमाचल में विभिन्न श्रेणियों के 20 हजार पदों को भरा जाएगा। इसके लिए राज्य लोकसेवा आयोग इस माह विज्ञापन निकालेगा। उनका कहना है कि कर्मचारी चयन आयोग अभी पूरी तरह से फंक्शनल नहीं हुआ है। जब यह फंक्शनल हो जाएगा तो भर्ती प्रक्रिया इस आयोग के सुपुर्द कर दी जाएगी। वे विधायक राकेश जम्वाल के सवाल का जवाब था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हजारों ने कहा कि यह मामला हजारों युवाओं के भविष्य से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि 26 दिसंबर 2022 को यह मामला उनके ध्यान में आया था कि आयोग में पेपर लीक हो रहे हैं। जब इसकी जांच की गई तो पता चला कि यह गोरख धंधा कई सालों से चल रहा है। जो योग्य नहीं थे, वह भी पेपर लीक करवाकर सेलेक्ट हो गए। उन्होंने कहा कि युवाओं को फ्राड से बचाने के लिए आयोग को भंग कर सेवानिवृत्त अधिकारी दीपक सानन की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया था।
इस कमेटी को तीन माह में अपनी रिपोर्ट देने को कहा था, लेकिन जब कमेटी की बैठकें हुई तो नए सिरे से आरएंडपी रूल्स फाइनल करने से लेकर कई अन्य औपचारिकता पूरा करने में समय लगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार 2500 के करीब नियुक्तियां कर चुकी हैं और अप्रैल माह में इन्हें नियुक्ति पत्र जारी कर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पुलिस की परीक्षा भी राज्य लोकसेवा आयोग ही करवाएगा। शारीरिक परीक्षा पुलिस करवाएगी। उन्होंने कहा कि नए आयोग में परीक्षा कंप्यूटर आधारित होगी और प्रश्नपत्र भी कंप्यूटर पर ही सेट होंगे। उनका ऐसा कहना है कि सरकार एक साल में एक लाख रोजगार देगी इसका मतलब यह नहीं कि एक लाख सरकारी नौकरी देगी। मुख्यमंत्री का यह भी कहना है कि उनकी सरकार युवाओं का ध्यान रख रही है और युवाओं के भावनाओं के साथ नही खेला जाएगा। और पेपर लीक न हो, इसके लिए कड़े सिस्टम का प्रबंध किया जाएगा।
कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि प्रदेश में सूखा पड़ने की वजह से रबी की फसल को 15 फीसदी नुकसान पहुंचा है। और दिसंबर के बाद केवल एक बार ही बारिश हुई है अगर और बारिश होती है तो यह फसलों के लिए लाभदायक होगा। साथ ही यह भी कहा कि फसलों को यदि 33 फीसदी नुकसान होता है तो सरकार किसानों इसका भुगतान करेगी।
कांग्रेस विधायक चंद्रशेखर के सवाल के जवाब में कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि विभाग एक-दो सप्ताह में फिर से सर्वे करेगा और फिर देखेगा कि नुकसान कितना हुआ है और फिर राहत मैनुअल के अनुसार नुकसान का भुगतान किया जाएगा।
इससे पहले, विधायक चंद्रशेखर ने कहा कि गेहूं की फसल को भारी नुकसान हुआ है और किसान खराब फसल को चारे के रूप में खिलाने को मजबूर हुआ है। उन्होंने पूछा है कि क्या नुकसान के ऐवज में बीज देने को कोई कदम उठाएगी।
ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा है कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत केंद्र सरकार द्वारा हिमाचल को वर्ष 2023-24 में 10023 आवास आवंटित हुए। इन सभी आवासों को 15 जनवरी तक पात्र लाभार्थियों को स्वीकृत कर दिया गया है। इसके तहत हर लाभार्थी को केंद्र सरकार की ओर से 1.30 लाख रुपए की राशि प्रदान की गई है। विधायक सुखराम चौधरी के सवाल के जवाब में ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने केंद्र द्वारा जारी इस राशि को विशेष राहत पैकेज की राशि में शामिल किया है और आपदा में अपने घर गंवा देने वाले लोगों को इस राशि को मिलाकर कुल सात लाख रुपए घर बनाने को दिए जा रहे हैं। भाजपा सदस्य इंद्र सिंह गांधी, कांग्रेस सदस्य चैतन्य शर्मा और भाजपा विधायक जीतराम कटवाल ने भी अपने-अपने सवाल पूछे।
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