India News (इंडिया न्यूज़), Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के छह विधायकों को राज्यसभा चुनाव के लिए व्हिप का उल्लंघन करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। सभी विधायक अपने वकील के साथ स्पीकर के सामने पेश हुए। विधायको के वकील ने कहा, उन्हें जरूरी डॉक्यूमेंट उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। बता दें इन विधायकों ने 27 फरवरी को हुए राज्यसभा इलेक्शन में क्रॉस वोटिंग की जबकि व्हिप जारी की गई थी।

स्पीकर के समक्ष विधायकों के वकील सत्यपाल जैन ने तर्क दिया कि उन्हें केवल नोटिस और मंगलवार शाम को दायर याचिका की प्रति दी गई थी, जबकि अन्य अनुलग्नक उन्हें नहीं दिये गए थे। उन्होंने कहा नियमानुसार जवाब दाखिल करने के लिए विधायकों को याचिका की प्रति उपलब्ध कराने के लिए सात दिन का समय देना होता है।

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दलबदल विरोधी कानून राज्यसभा चुनावों में मतदान पर लागू नहीं

राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले छह विधायकों के खिलाफ कांग्रेस की ओर से याचिका दायर की गई है। विधायकों के वकील जैन ने कहा कि दल-बदल विरोधी कानून के तहत पांच या छह शर्तें हैं, जिनमें जवाब के लिए सात दिन का समय भी शामिल है, जिनका पालन करना होगा। उन्होंने कहा कि याचिका की प्रति उपलब्ध कराने के बाद भी जवाब दाखिल करने के लिए सात दिन का समय देना होगा।

उन्होंने जोर देकर कहा कि दलबदल विरोधी कानून राज्यसभा चुनावों में मतदान पर लागू नहीं होता है, उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार यह कहा है। जैन ने कहा, “हमने अध्यक्ष से जवाब दाखिल करने के लिए प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के अनुसार कम से कम एक सप्ताह का समय देने का आग्रह किया है।”

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