India News (इंडिया न्यूज), CM Sukhu Samosa Controversy : हिमाचल प्रदेश सरकार ने सरकारी एजेंसियों द्वारा जारी किए गए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू की किसी भी तस्वीर के लिए पूर्व अनुमति अनिवार्य करने का निर्देश जारी किया है। आदेश के अनुसार, सूचना एवं जनसंपर्क निदेशक (डीआईपीआर) को मुख्यमंत्री की सभी तस्वीरों को प्रसारित करने से पहले उन्हें अधिकृत करना होगा, चाहे वे विभागीय बैठकों, आधिकारिक कार्यक्रमों या सार्वजनिक समारोहों के दौरान ली गई हों। सचिवों और विभागीय प्रमुखों को संबोधित डीआईपीआर पत्र में उन अस्वीकृत रिलीज के उदाहरणों का हवाला दिया गया है, जिनमें सीएम सुखू को इस तरह दिखाया गया है कि, इसके अनुसार, अनुचित हाव-भाव दिखाए गए जो मुख्यमंत्री की सार्वजनिक छवि को नुकसान पहुंचा सकते हैं। पत्र में कहा गया है कि तस्वीरों का अनियमित प्रसार मुख्यमंत्री और सरकार दोनों की सार्वजनिक धारणा को प्रभावित कर सकता है।

समोसा विवाद के बाद लिया गया फैसला

यह नोटिस भारतीय जनता युवा मोर्चा (बीजेवाईएम) द्वारा शनिवार को शिमला में “समोसा मार्च” आयोजित करने के बाद आया है, जो सीएम सुखू द्वारा कथित तौर पर अनजाने में अपने सुरक्षा दल को समोसे परोसने की चल रही जांच के जवाब में एक व्यंग्यात्मक विरोध था।

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विपक्ष ने लगाया सीएम सुक्खू के पोस्टर

भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने नाटकीय ढंग से सीएम के पोस्टर पर समोसे खिलाकर और नारे लगाकर अपनी बात रखी, “सुक्खू जी का समोसा किसने खाया?” विवाद 21 अक्टूबर को एक घटना से शुरू हुआ, जब सीएम सुखू के लिए बनाया गया नाश्ता गलती से सीआईडी ​​मुख्यालय के दौरे के दौरान उनके सुरक्षा कर्मचारियों को परोस दिया गया। इस गड़बड़ी को ठीक करने के लिए सीआईडी ​​जांच शुरू किए जाने की खबरें जल्द ही सुर्खियों में आ गईं। हंगामे पर प्रतिक्रिया देते हुए सीएम सुखू ने स्थिति को कमतर आंकते हुए इसे “दुर्व्यवहार की एक छोटी सी घटना” बताया और कहा कि इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है।

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