India News (इंडिया न्यूज़), दिल्ली: पहाड़ों का सीना चीर कर अगर सड़कों का जाल बिछाया जाए, इंसान अपनी सहुलियत के लिए हरे भरे पेड़ों की अंधाधुंध कटाई शुरू कर दे तो इसका अंजाम भी भुगतने के लिए हमे तैयार रहना होगा, प्रकृति प्रतिशोध जरूर लेती है और उसका ट्रेलर भी हमने इस बार हिमाचल में देख लिया। चंडीगढ़- शिमला और कीरतपुर- मनाली फोरलेन बीते डेढ़ महीने में दर्जनों बार बंद हो चुके हैं और लाखों की तादाद में पर्यटक मनाली और शिमला पहुंचते हैं ऐसे में अगर सड़कों को अवैज्ञानिक तरीके से बनाया जाए, नियमों को ताक पर रखा जाए तो वहां से गुजरने वाला हर वो शख्स खतरे में रहता है जो टोल टैक्स औऱ रोड टैक्स अपनी जेब से भरता है, साथ ही सरकार को भी करोड़ों का चूना लगता है।
हिमाचल में चंडीगढ़ से शिमला और कीरतपुर से मनाली के लिए बन रहे फोरलेन की गुणवत्ता पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं अनसांइटिफिक तरीके से किए गए काम पर अब जांच की मांग हो रही है। हिमाचल सरकार ने इस मुद्दे को दिल्ली में उठाया है औऱ नितिन गडकरी से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस बाबत चर्चा भी की है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपने हिमाचल दौरे के दौरान इन सभी बिंदुओं पर NHAI को ध्यान देने के निर्देश भी दिए थे।
सुक्खू सरकार में मंत्री धनीराम शाडिंल ने चंडीगढ़ – शिमला NH पर हुए काम में धांधली का आरोप लगाया है और केंद्र से इस पर जांच करने की मांग की है वहीं उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने पहाड़ों की 90 डिग्री कटिंग करने पर सवाल खड़े किए हैं उन्होने कहा कि पहाड़ों को गलत तरीके से काटा गया साथ ही रिटेनिंग वॉल्स पर भी सही काम नहीं हूआ सिर्फ औऱ सिर्फ खानापूर्ति हूई, सिर्फ 10 से 12 फीट के डंगे लगाए गए जो बरसात में मलबे को रोकने में फेल साबित हुए।
सुक्खू सरकार में कैबिनेट मंत्री ने ये भी आरोप लगाए कि पहाड़ों को काटने के बाद मिट्टी को डंपिंग यार्ड में फेंकने की बजाय सड़क किनारे फेंका गया साथ ही काटे गए पहाड़ों के मलबे को रोकने के लिए रिटेनिंग वॉल्स की जगह जाली का इस्तेमाल हुआ जो नाकाफी था। उन्होने कहा कि टनल ज्यादा से ज्यादा बनाने पर फोकस करना चाहिए जो हर लिहाज से सुरक्षित हैं। वहीं शिमला नगर निगम में डिप्टी मेयर रहे टिकेंद्र पंवर ने नेशनल हाइवे के काम में लगी कंपनी के खिलाफ परवाणु में पुलिस को शिकायत पत्र दिया है साथ ही सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज से फोरलेन के काम में हुई अनियमितता की जांच की मांग की है।
स्ट्रक्चर इंजीनियर करनैल सिंह ने इंडिया न्यूज़ से बातचीत करने हुए फोरलेन के काम में लापरवाही बरतने की बात कही है करनैल सिंह ने कहा कि पहाड़ों की 90 डिग्री की कटिंग की गई जो कि गलत है, सड़कों का निर्माण आधुनिक तकनीक से होना चाहिए। NHAI को चाहिए की पहाड़ों को ना काटकर टनल या पुल ज्यादा से ज्यादा बनाए जिससे लैंडस्लाइड की संभावना खत्म हो जाती है पहाड़ और पेड़ सुरक्षित रहते हैं और सरकार के पैसे की अलग से बचत होती है साथ ही दूरी भी कम होती है।
करनैल सिंह ने बताया कि परवाणु से शिमला तक मिट्टी की परत बहुत सॉफ्ट है मिट्टी भुरभुरी है जिसके चलते वहां पहाड़ों की खड़ी कटाई से ज्यादा लैंडस्लाइड हो रहे हैं । हालांकि NHAI ने अब पहाड़ों की 90 डिग्री की कटाई ना करने का फैसला लिया है और जल्द ही नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की एक टीम 12 से 15 अगस्त के बीच फोरलेन का दौरा करने पहुंचेगी। NHAI को अब वक्त के साथ सड़कों के निर्माण के लिए अपने मापदंड भी बदलने की जरूरत है ताकि सड़कों पर यात्रा करने वाले यात्री सुरक्षित रहें और बार बार लैंडस्लाइड से होने वाले नुकसान से भी बचा जा सके।
(लेखक अनिल ठाकुर इंडिया न्यूज़ में असिस्टेंट एडिटर हैं)
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