India News (इंडिया न्यूज़), Himanta Bishwa Sharma: तमिलनाडु के युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री और सीएम स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन के सनातन पर की गई कथित विवादित टिप्पणी के बाद देश के राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं गर्म हो गई है। बीजेपी लगातार इस मुद्दे पर DMK और विपक्षी गठबंधन पर निशाना साध रही है। इसी कड़ी पर असम के मुख्यमंत्री हेमांत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस पर कटाक्ष किया है।

उन्होंने ट्विट कर  लिखा, “हिंदू विरोधी बयानों के लिए अपने गठबंधन सहयोगियों के खिलाफ कदम उठाने के बजाय, कांग्रेस “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता” की आड़ में छिप रही है। यदि इसी जगह इस्लाम, ईसाई या किसी अन्य धर्म के ख़िलाफ़ कोई टिप्पणी की गई होती, तो क्या कांग्रेस इस मुद्दे को इसी प्रकार टाल देती? वास्तव में अब यह स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस सनातन धर्म को नुक़सान पहुँचाने की साज़िश में एक अहम रोल निभा रही है।”

इससे पहले रविवार को उन्होंने कहा था कि  मैं तमिलनाडु के उस मंत्री (उदयनिधि स्टालिन) की निंदा नहीं करना चाहता क्योंकि उन्होंने खुद को बेनकाब कर दिया है। लेकिन सवाल ये है कि क्या कांग्रेस पार्टी अब भी DMK के साथ गठबंधन में रहेगी। उन्होंने कहा कि यह राहुल गांधी के लिए एक परीक्षा है। उन्हें निर्णय लेना होगा कि वह सनातन धर्म का सम्मान करते हैं या नहीं। अगर वे कोई कार्रवाई नहीं करेंगे तो लोग मान लेंगे कि ये लोग हिंदू विरोधी हैं, इन्हें सनातन पसंद नहीं है।

क्या है मामला?

तमिलनाडु के युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन उन्मूलन सम्मेलन में बोलते हुए कहा था कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है। कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, उन्हें ही खत्म किया जाना चाहिए। हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते। हमें इसे खत्म करना होगा। खेल विकास मंत्री ने आगे कहा कि सनातन नाम संस्कृत का है। यह सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है।

ये भी पढ़ें –