India News (इंडिया न्यूज), Himanta Biswa Sarma: असम के कुछ इलाकों में जमीन की बिक्री पर रोक का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है। इस बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इससे जुड़ा एक पोस्ट किया है। सरमा ने लिखा कि असम में हमारी संस्कृति खतरे में क्यों है? बारपेटा सातरा, जो राज्य के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है। वहां सबसे पहले नमाज अदा की जाने लगी और फिर वहां एक मस्जिद बनाई गई। इसलिए हमने कुछ महत्वपूर्ण स्थानों के पास जमीन की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है।
हिमंत सरमा ने क्या कहा?
असम के मुख्यमंत्री हिमंत सरमा ने एक्स पर एक और अन्य पोस्ट में लिखा कि असम सरकार भूमि अभिलेखों को सुव्यवस्थित करने, अतिक्रमण से लड़ने और असम के स्वदेशी समुदायों के भूमि अधिकारों की रक्षा करने के लिए एक मिशन मोड पर काम कर रही है। आज, इन प्रयासों को बढ़ाने के लिए, मैंने कई नागरिक-अनुकूल सेवाओं का शुभारंभ किया है। जो भूमि स्वामित्व में पारदर्शिता लाएगी, असम लोक सेवा अधिकार (ARTPS) के लिए समयसीमा निर्धारित करेगी और प्राकृतिक आपदाओं के समय नागरिकों को प्रेरित करने के लिए एक पोर्टल बनाएगी। उन्होंने आगे लिखा कि एक प्राचीन मंदिर के पास अगर अचानक कोई मस्जिद बना दी जाए या ऐतिहासिक ईदगाह के पास पूजा शुरू हो जाए तो यह समाज के संतुलन के लिए ठीक नहीं है। अधिकारियों को इन संवेदनशील मुद्दों पर विचार करना चाहिए।
पांच घुसपैठियों को पकड़कर वापस भेज दिया- सरमा
हिमंत बिस्वा ने जानकारी दी है कि राज्य पुलिस ने शनिवार (7 सितंबर) रात पांच बांग्लादेशी घुसपैठियों को वापस खदेड़ दिया। पिछले हफ्ते सरमा ने जानकारी साझा की थी जिसके अनुसार पूर्वोत्तर राज्य की पुलिस ने इस महीने पड़ोसी देश से 15 घुसपैठियों को वापस भेजा है। हिमंत ने कहा कि अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ कड़ी निगरानी रखी जा रही है और असम पुलिस ने कल रात एक बजे पांच घुसपैठियों को पकड़कर वापस भेज दिया। उन्होंने कहा कि घुसपैठियों की पहचान मस्तबिस रहमान, अस्मा बीबी, अबानी सद्दार, लीमा सद्दार और सुमाया अख्तर के रूप में हुई है।