India News (इंडिया न्यूज), Sanjay Singh on Hindenburg Report On SEBI: हिंडनबर्ग ने पिछली बार अडानी ग्रुप को निशाना बनाते हुए एक रिपोर्ट जारी किया था। इसके बाद से ही सियासी जंग छिड़ गई है। अडानी ग्रुप को बहुत बड़ा झटका लगा था। लेकिन इस बार हिंडनबर्ग ने अपने रिपोर्ट में सीधे तौर पर बाजार नियामक सेबी पर हमला बोला है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच भी अडानी ग्रुप से मिली हुई हैं। इस वजह से ही उन्होंने 18 महीने में भी अडानी ग्रुप के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। हिंडनबर्ग रिसर्च ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर इस खुलासे की घोषणा की। हिंडनबर्ग रिसर्च ने कई गुप्त दस्तावेज का हवाला देते हुए कहा है कि कथित अडानी घोटाले में इस्तेमाल की गई ऑफशोर संस्थाओं में सेबी चेयरपर्सन की हिस्सेदारी थी। हालांकि इंडिया न्यूज उन दस्तावेजों की पुष्टि नहीं करता है। अब इसे लेकर देश में सियासी घमासान छिड़ गया है।
हिंडनबर्ग रिसर्च की नई रिपोर्ट जब से आई है तब से विपक्ष ने केंद्र सरकार पर हमला बोलना शुरु कर दिया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश की ओर से शनिवार रात को ही कांग्रेस की ओर से एक बयान सामने आया कि, “अडानी मेगास्कैम की जांच करने के लिए सेबी की अजीब अनिच्छा लंबे समय से देखी जा रही थी, खासकर सुप्रीम कोर्ट की विशेषज्ञ समिति की ओर से.. उस समिति ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि सेबी ने 2018 में विदेशी फंडों के अंतिम लाभकारी (यानी वास्तविक) स्वामित्व से संबंधित रिपोर्टिंग आवश्यकताओं को कमजोर कर दिया था और 2019 में पूरी तरह से हटा दिया था।”
जयराम रमेश की मानें तो, हिंडनबर्ग रिसर्च के नवीनतम आरोप गौतम अडानी की ओर से सेबी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किए जाने के तुरंत बाद बुच के साथ लगातार दो 2022 बैठकों के बारे में नए सवाल खड़े करते हैं।
आप नेता संजय सिंह ने कहा कि ‘हिंडनबर्ग खुलासे की भनक लग गई थी 3 दिन पहले मोदी ने संसद का सत्र समाप्त कर दिया।’ ‘मोदी सरकार सिर से पांव तक भ्रष्टाचार में डूबी है।अपने दोस्त अडानी को बचाने के लिए मोदी जी ने उसी SEBI अध्यक्ष से जांच कराई जिसने अडानी के साथ मिलकर घोटाला किया। SC अपने फ़ैसले पर पुनर्विचार करे।’
हिंडनबर्ग खुलासे की भनक लग गई थी 3 दिन पहले मोदी ने संसद का सत्र समाप्त कर दिया।
मोदी सरकार सिर से पाँव तक भ्रष्टाचार में डूबी है।अपने दोस्त अडानी को बचाने के लिए मोदी जी ने उसी SEBI अध्यक्ष से जाँच कराई जिसने अडानी के साथ मिलकर घोटाला किया।
SC अपने फ़ैसले पर पुनर्विचार करे।
अब इस मामल में तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा का बयान आसा है जिन्होनें एक्स पर लिखा है कि असली अडानी शैली में, सेबी अध्यक्ष भी उनके समूह में एक निवेशक हैं। क्रोनी कैपिटलिज्म अपने चरम पर है। मोइत्रा ने यह भी मांग की कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) कथित मनी लॉन्ड्रिंग की जांच करे।
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